संवाददाता, पटना राज्य सरकार, राज्य के पुरातत्व स्थलों के रख-रखाव को लेकर गंभीर है.लेकिन सरकार अपने स्तर से इन स्थलों के विकास के लिए बहुत कुछ नहीं कर सकती है. राज्य के अधिकांश पुरा स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ ) के अधीन है. पिछले दिनों कला,संस्कृति एवं युवा विभाग की समीक्षा बैठक में लौरिया और लौरिया नंदनगढ़ स्तूपों के रख-रखाव के लेकर काफी चर्चा हुई. फिलहाल लौरिया की स्थिति अच्छी नहीं है. इसको देखते हुए विभाग ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ ) को पत्र लिखने का निर्णय लिया है. दरअसल एएसआइ द्वारा अभी लौरिया जैसे महत्वपूर्णें पुरातत्व स्थल के रख-रखाव ठीक ढ़ग से नहीं हो रहा है. विशेषज्ञों का यह सोचना है कि इनकी बेहतर देखभाल सुनिश्चित हो करने के लिए राज्य सरकार को इन स्मारकों की जिम्मेदारी सौंप दी जानी चाहिए.कई ऐसे उदाहरण हैं जहां राज्य सरकारों ने एएसआइ की तुलना में बेहतर तरीके से स्मारकों की देखभाल की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है