संवाददाता, पटना मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के दूसरे दिन मंगलवार को जेडी वीमेंस कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग और काउंसेलिंग सेल की ओर से सुसाइड प्रिवेंशन अमंग यूथ (युवाओं के बीच आत्महत्या रोकथाम) विषय पर एक महत्वपूर्ण अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया. आइजीआइएमएस के मनोचिकित्सा विभाग के डॉ राजेश कुमार ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से छात्राओं को संबोधित किया. उन्होंने भारत के विभिन्न राज्यों में आत्महत्या की दर (रेट) बतायी और बिहार के लोगों में मौजूद रेजीलिएंस (लचीलापन/संकट से उबरने की क्षमता) की चर्चा की, जिसके कारण यहां आत्महत्या दर कम है. डॉ कुमार ने बताया कि भारत में 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग की मृत्यु का दूसरा मुख्य कारण आत्महत्या है. उन्होंने सिनेमा के गीतों और विभिन्न प्रेरक उदाहरणों के माध्यम से छात्राओं को मानवता का पाठ पढ़ाया. उन्होंने जोर देकर कहा कि इंसान बनकर, दूसरों की समस्याओं को धैर्य से सुनकर हम उन्हें संबल और सहारा प्रदान कर सकते हैं. कार्यक्रम के अगले चरण में, बरखा ने स्त्री सशक्तीकरण पर आधारित नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके बाद जुगलबंदी की ओर से मन के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को रेखांकित किया गया. कार्यक्रम में प्राचार्या डॉ मीरा कुमारी ने कहा कि आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य पर खास कर ध्यान देने की जरूरत है. कई बार यह लगता है आपके आस-पास के लोग खुश है लेकिन असल जिंदगी में क्या परेशानी है यह साझा करने से झिझकते हैं. कई बार सामने वाला आपको बताना चाहता है लेकिन हम उसे समझ नहीं पाते हैं. जरूरत है संवेदनशील होने की. विभागाध्यक्ष डॉ. ब्रजबाला साह ने अतिथि वक्ता डॉ राजेश कुमार का सम्मान एवं स्वागत किया. कार्यक्रम का संचालन रिया राज ने किया.
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