Land for Job Case : पटना. लालू यादव के परिवार के लिए सोमवार का दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं. 13 अक्टूबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में ‘लैंड फॉर जॉब’ मामले में फैसला आने वाला है. बिहार की राजनीति में लालू परिवार की भूमिका हमेशा से अहम रही है. ऐसे में इस फैसले पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं. सीबीआई की विशेष अदालत के आदेश पर लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सोमवार को कोर्ट में सशरीर उपस्थिति रहेंगे. रविवार को इन तीनों दिल्ली के लिए रवाना हो गये हैं. बिहार चुनाव से पहले कोर्ट से आनेवाले इस फैसले ने RJD को टेंशन में डाल दिया है. तेजस्वी यादव समेत लालू यादव के परिवार के कई सदस्य इस मामले में आरोपित हैं. ऐसे में कोर्ट से आनेवाले फैसले से बिहार की सियासत में भूचाल आ सकता है.
तय होगा तेजस्वी यादव का राजनीतिक भविष्य
तेजस्वी यादव के लिए यह मामला एक राजनीतिक परीक्षा जैसा है. अगर अदालत का फैसला लालू परिवार के पक्ष में आता है, तो यह आरजेडी और महागठबंधन के लिए बड़ी राहत होगी, खासकर ऐसे वक्त में जब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. वहीं, अगर फैसला प्रतिकूल रहा, तो विपक्ष खासकर बीजेपी इसे चुनावी मुद्दा बनाने में देर नहीं लगाएगा. हालांकि तेजस्वी लगातार कहते रहे हैं, “हमने कोई गलत काम नहीं किया है, सच्चाई हमारे साथ है. यह केस राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है.” आरजेडी खेमे में विश्वास और उम्मीद का माहौल है. यह फैसला न सिर्फ परिवार बल्कि बिहार की राजनीति की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है.
क्या है मामला
यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दायर करते हुए आरोप लगाया था कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने जमीन के बदले नौकरियां दीं, यानी जिन उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी दी गई, उनके परिवारों ने बदले में अपनी जमीन लालू परिवार या उससे जुड़े लोगों के नाम की. सीबीआई के अनुसार, इस दौरान रेलवे में नौकरी देने के नाम पर बिहार और झारखंड के कई लोगों से जमीन ली गई. इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव समेत कई लोगों पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाए हैं.

