Waqf Bill: वक्फ बिल पर जदयू ने मोदी सरकार का साथ दिया तो बिहार की राजनीति भी गरमा गयी. जदयू में महासंग्राम के दावे राजद ने किए. कई मुस्लिम नेताओं के द्वारा पार्टी से इस्तीफा दिए जाने की खबर सुर्खियों में रही. बताया गया कि ये नेता संसद में वक्फ संसोधन बिल पर सरकार को समर्थन देने से नाराज थे. राजद ने दावा किया कि जदयू के बड़े नेता ने पार्टी छोड़ दी तो जदयू ने भी पलटवार किया है.
ओवैसी के उम्मीदवार रहे नेता? ललन सिंह का दावा
जदयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने राजद के बयान की आलोचना की. दरअसल, राजद की ओर से कहा गया था कि जदयू के बड़े नेता ने पार्टी छोड़ दिया है. जिसपर ललन सिंह ने कहा कि जिस नेता को राजद बड़ा बता रहा है, उसने ढाका विधानसभा सीट से 2020 में विधानसभा चुनाव लड़ा. पतंग छाप (असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM) पर उस नेता ने चुनाव लड़ा था और उसे 499 वोट मिले थे.
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राजद से ललन सिंह के सवाल
ललन सिंह ने कहा कि राजद को वक्फ और वक्फ बोर्ड की बातें समझ में नहीं आती. उन्होंने कहा कि राजद यह बताए कि लालू यादव ने 2010 में वक्फ कानून को और कड़ा बनाने की बात क्यों कही थी.
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने इस्तीफे को फर्जी बताया
वहीं दूसरी ओर जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने पार्टी के कथित नेताओं के इस्तीफे को फर्जी करार दिया. उन्होंने कहा कि इस इस्तीफ पर साइन करने वाले सदस्य पार्टी में कभी किसी पद पर नहीं रहे. उन्होंने कहा कि जदयू के सभी कार्यकर्ता एनडीए के फैसले के साथ खड़े हैं क्योंकि इससे गरीब मुसलमानों को फायदा मिलेगा.
किन नेताओं ने इस्तीफा दिया तो छिड़ी चर्चा
पूर्वी चंपारण से मोहम्मद कासिम अंसारी, जमुई से नवाज मलिक ने सोशल मीडिया पर जदयू से इस्तीफा दिए जाने का लेटर शेयर किया था. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पास ठोस जानकारी है कि जिन नेताओं ने इस्तीफे का नाटक किया उनमें एक तो दूसरे संगठन से जुड़ा है जबकि दूसरे ने पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार बनकर किस्मत आजमाया था.