Bihar News: लखीसराय जिले में शिक्षा विभाग में 700 से अधिक योजनाओं में वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर होने के बाद से ही विभाग चर्चा का विषय बना हुआ है. जिनमें से 90 योजनाओं में धरातल पर काम हुआ ही नहीं और एमबी बुक कर लिए जाने की चर्चा है. जिसे लेकर जिलाधिकारी के द्वारा 42 टीम में शामिल 84 अधिकारियों को जांच के लिए नियुक्त किया गया है. जांच दल के 84 अधिकारियों के द्वारा विद्यालय की 734 योजनाओं की जांच चल रही है. कई जगह गड़बड़ी पाए गए तो डीएम ने डीइओ को दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. एकतरफ जहां शिक्षा विभाग के माफियाओं में हड़कंप मचा है तो दूसरी ओर सोमवार को लखीसराय में शिक्षा घोटाला को लेकर महागठबंधन ने आक्रोश मार्च निकाला है.
डीएम ने कड़ी कार्रवाई का दिया है निर्देश
पिछले दिनों प्रेस को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्रा के द्वारा कहा गया था कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत विद्यालय सुदृढ़करण योजना अंतर्गत अभी तक 321 योजनाओं की जांच में 90 योजनाओं का धरातल पर कहीं कोई काम नहीं दिख रहा है. कई योजनाओं में कुछ काम हुआ है लेकिन अधिकांश काम बाकी पड़ा हुआ है. हालांकि उन्होंने मामले को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी को कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है.
महागठबंधन का आक्रोश मार्च
इस मामले को लेकर अब सियासी घमासान भी अब शुरू होने लगा है. महागठबंधन के घटक दल लगातार इसे लेकर आवाज उठा रहे हैं. इसी क्रम में सोमवार को महागठबंधन में शामिल दलों के द्वारा शहर के विद्यापीठ चौक से लेकर समाहरणालय तक आक्रोश मार्च निकाला गया. जो शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए समाहरणालय तक पहुंचेगा.
क्या है मामला…
दरअसल, शिक्षा विभाग द्वारा लखीसराय जिला के विभिन्न विद्यालय में मरम्मती, किचन शेड का निर्माण, चाहरदिवारी का निर्माण, शौचालय की मरम्मती एवं निर्माण, विद्युत इत्यादि कार्य कराया गया. विद्यालय में संचालित इन योजनाओं की असैनिक कार्य की पूर्णता, गुणवत्ता आदि की जांच के लिए जांच टीम गठन कर जांच कराया जा रहा है. कुल 84 अधिकारियों के द्वारा विद्यालयों की 734 योजनाओं का जांच करायी जा रही है. ऐसे योजनाओं जिसकी जांच पूरी हो चुकी है. पिछले दिनों उसका प्रतिवेदन डीएम को सौंपा गया है.
डीएम ने जांच में क्या पाया… ब्लैक लिस्टेड होगी एजेंसी
इस संबंध में शनिवार को डीएम मिथलेश मिश्र ने बताया था कि विभिन्न विद्यालय में जांच की जा रही है. जिसमें प्रथम दृष्टया 90 योजनाएं ऐसी हैं पायी गयी जिसपर धरातल पर किया ही नहीं गया है एवं बिल निकाल लिया गया है. वहीं 321 योजनाओं की प्रतिवेदन की बिल भुगतान के लिए ट्रेजरी भेजा गया था, जिस पर रोक लगा दी गयी. उन्होंने कहा कि 190 योजनाओं पूर्ण नहीं है. जिससे संतुष्टि जाहिर की जाय. जबकि एमबी बुक में योजनाएं पूर्ण दिखाया गया है. इस तरह की एजेंसी को काली सूचियों में डाल देने का निर्देश दिया गया है.
प्रिंसिपल का सिग्नेचर नकली
जांच दल के अनुसार 35 योजनाएं संचिका में नहीं है. उस पर प्रिंसिपल का सिग्नेचर नकली है. सिग्नेचर किसके द्वारा फर्जी तरीके से किया गया है. इसका पता लगाया जा रहा है. सात सौ योजनाओं की जांच किया जाना है. उन्होंने कहा है कि दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने की आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया गया है.
22 अप्रैल तक जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश
डीएम ने बताया कि सभी जांच दल टीम के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि योजनाओं का अभिलेख जिला गोपनीय शाखा से प्राप्त किया जाना है. जांच प्रतिवेदन तीन दिनों के अंदर यानी 22 अप्रैल तक सौंपे जाने का निर्देश दिया गया है. डीएम ने कहा कि दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.