Kosi-Mechi Link Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को पूर्णिया प्रवास के दौरान बहुप्रतीक्षित कोसी-मेची लिंक परियोजना का शिलान्यास करेंगे. यह योजना न सिर्फ़ बिहार की कृषि व्यवस्था को नई ऊर्जा देगी बल्कि बाढ़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन में भी सहायक होगी.
परियोजना की तैयारी का जायजा लेने के लिए जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल और केंद्रीय राज्य मंत्री राजभूषण चौधरी के साथ हवाई सर्वेक्षण किया.
हवाई सर्वेक्षण और प्रस्तुति
पटना एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर में केंद्रीय मंत्रियों का स्वागत जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने किया. इस दौरान विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने पावर प्वाइंट प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से कोसी-मेची लिंक परियोजना की विस्तृत जानकारी दी. इसके बाद मंत्रियों की टीम ने हवाई सर्वेक्षण कर परियोजना स्थल का मुआयना किया.
बैठक के दौरान विजय कुमार चौधरी ने बताया कि कोसी-मेची लिंक परियोजना से 2.15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित होगी. मानसून के बाद की अवधि में जब कोसी नदी में अतिरिक्त जल होता है, तब उसे मेची नदी में पहुंचाया जाएगा. इससे न सिर्फ सिंचाई व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि हर साल आने वाली बाढ़ के ख़तरे को भी काफी हद तक कम किया जा सकेगा.
संरचनात्मक बदलाव और नहरों का पुनरुद्धार
परियोजना के तहत 41 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में पूर्वी मुख्य नहर का पुनरुद्धार किया जाएगा. साथ ही मेची नदी का विस्तारीकरण कर उसकी जलधारण क्षमता बढ़ाई जाएगी. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, यह काम पूरा होने पर खेतों तक पर्याप्त पानी पहुंचेगा और बाढ़ का दबाव भी घटेगा.
बैठक में पश्चिमी कोसी नहर पुनस्थापन परियोजना और बागमती तटबंध परियोजना पर भी चर्चा हुई. इन योजनाओं के जरिये तटबंधों, नहरों और रिंग बांधों को मजबूत किया जाएगा ताकि बाढ़ के दौरान न सिर्फ किसानों की फसल, बल्कि जीवन और संपत्ति की भी सुरक्षा हो सके.
किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से राज्य के किसानों को स्थायी लाभ होगा. पर्याप्त सिंचाई जल उपलब्ध होने से कृषि उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में उल्लेखनीय सुधार होगा. उन्होंने कहा कि “पिछले वर्ष सितंबर की बाढ़ से हमने महत्वपूर्ण सीख ली है. इस बार विभाग दोगुनी तैयारी के साथ काम कर रहा है.”
बैठक के दौरान विजय कुमार चौधरी ने बाढ़ प्रबंधन के लिए अतिरिक्त धन उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि राज्य में प्रस्तावित योजनाओं के पूरा होने से कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ बाढ़ नियंत्रण के प्रयास भी मजबूत होंगे.
राजनीतिक और सामाजिक महत्व
कोसी-मेची लिंक परियोजना दशकों से लंबित रही है. सीमांचल और मिथिलांचल क्षेत्र के किसान इसकी मांग लंबे समय से कर रहे थे. प्रधानमंत्री द्वारा इसका शिलान्यास होना न केवल तकनीकी दृष्टि से बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है. इससे बिहार के लाखों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा.

