K.K Pathak: बिहार के चर्चित और तेज़तर्रार IAS अफसर केशव कुमार पाठक (के.के. पाठक) को केंद्र सरकार ने नई और बेहद अहम जिम्मेदारी दी है. 1990 बैच के इस अधिकारी को अब दिल्ली में कैबिनेट सचिवालय का अपर सचिव बनाया गया है. यह वही पद है जिसे हाल ही में संयुक्त सचिव से अपग्रेड करके अपर सचिव स्तर का दर्जा दिया गया है. इस तरह पाठक अब सीधे बिहार राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष पद से देश की केंद्रीय नौकरशाही में एक निर्णायक भूमिका में पहुंच गए हैं.
शिक्षा विभाग से चर्चाओं में आए थे सुर्खियों में
के.के. पाठक का नाम बिहार में प्रशासनिक सख्ती और त्वरित फैसलों के लिए जाना जाता है. जून 2023 में जब उन्हें बिहार के शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, तो उन्होंने बिना हिचक कई बड़े और कठोर फैसले लिए. उनकी कार्रवाई से शिक्षक संगठनों में हलचल मच गई थी और कई बार सड़कों पर भी विरोध देखने को मिला. तत्कालीन शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से उनकी तीखी नोकझोंक भी प्रदेश की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी में खूब चर्चा का विषय बनी थी.
सत्ता बदली, विभाग बदला, लेकिन पाठक नहीं बदले
बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद पाठक को शिक्षा विभाग से हटाकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग भेजा गया, जहां उन्होंने बोर्ड अध्यक्ष की भूमिका संभाली. कार्यशैली वही रही—सख्ती, अनुशासन और जीरो टॉलरेंस. इसी दौरान उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की इच्छा जताई थी. अब केंद्र सरकार ने उनके आवेदन को मंजूरी दे दी है और उन्हें कैबिनेट सचिवालय भेज दिया गया है.
मूल रूप से यूपी से, पर बिहार में बनाई अलग पहचान
उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले के.के. पाठक ने बिहार की प्रशासनिक मशीनरी में एक अलग ही मुकाम बनाया है. उनके काम करने का तरीका जितना सख्त है, उतनी ही साफ है उनकी छवि. वे किसी भी विभाग में हों, लापरवाही और भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करते.
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कई अन्य IAS को भी मिली जिम्मेदारी
इसी क्रम में केंद्र सरकार ने 2000 बैच के एक और आईएएस अधिकारी एन. सरवन कुमार को दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है. प्रधानमंत्री कार्यालय से जुड़े कार्मिक मंत्रालय ने इन तमाम बड़े बदलावों की अधिसूचना शुक्रवार को जारी की.