33.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Kacchi Dargah-Bidupur Bridge: सिक्स लेन पुल का पहला फेज बनकर तैयार, इस दिन से दौड़ने लगेगी गाड़ियां…

Kacchi Dargah-Bidupur Bridge: चुनावी साल में एक और बड़ी सौगात बिहार के लोगों को मिलने वाली है. दरअसल, कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन पुल का पहला फेज बनकर तैयार हो गया है. जिसके बाद इस पर 10 जून से गाड़ियां दौड़ने लगेगी. इसके बनने से महात्मा गांधी सेतु और राजेंद्र सेतु का भार कम हो जाएगा.

Kacchi Dargah-Bidupur Bridge: बिहारवासियों के लिए साल 2025 चुनावी साल है. ऐसे में राजनीतिक नेता तो जोर-शोर से तैयारियों में जुटे ही है. लेकिन, इस बीच राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से बिहार के लोगों को कई सौगातें भी मिल रही है. इसी क्रम में एक और बड़ा गिफ्ट इसी महीने मिलने वाला है. दरअसल, कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन पुल का पहला फेज बनकर तैयार हो गया है. पहले फेज में कच्ची दरगाह-राघोपुर तक का काम पूरा हो गया है. साथ ही दूसरे फेज का काम लगभग 80 प्रतिशत हो गया है. इस बीच बड़ी खबर आ गई है कि, इसे जून महीने में ही लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. खबर की माने तो, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 10 जून को पुल का उद्घाटन कर देंगे, जिसके बाद इस पर गाड़ियां दौड़ने लगेगी.

दूसरे फेज का काम भी लगभग पूरा

बता दें कि, दूसरे फेज यानी कि, राघोपुर-बिदुपुर का काम भी 80 प्रतिशत से ज्यादा पूरा हो गया है. वहीं, गंगा नदी पर बन रहे इस 9.76 किलोमीटर लंबे एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज के चालू होने से दक्षिण बिहार से उत्तर बिहार आने-जाने में करीब 60 किमी की दूरी कम हो जाएगी. इसके अलावा बिहार का आस-पास के राज्य जैसे कि, झारखंड, ओडिशा से सीधे कनेक्ट हो जाएगा. इसके अलावा इसकी कनेक्टिविटी नेपाल से भी हो जाएगी. इस तरह से लोगों को जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी. दरअसल, महात्मा गांधी सेतु और राजेंद्र सेतु का भार कम हो जाएगा, जिससे आवागमन में सहूलियत होगी.

खास तकनीक से बनाया पुल

बता दें कि, सेकेंड फेज के राघोपुर से बिदुपुर का काम इसी महीने के सितंबर में पूरा कर लेने का लक्ष्य बनाया गया है. हालांकि, बिहार में मौसम विभाग की ओर से 15 जून तक मानसून की एंट्री की संभावना जताई गई है. मानसून के समय गंगा नदी समेत बिहार की अन्य नदियों में उफान आ जाता है. अगर नदियों में इस तरह की स्थिती होती है तो, सिक्स लेन पुल के दूसरे फेज का काम प्रभावित हो सकता है. बता दें कि, यह पुल 936 टन भार सहन कर सकेगा. इस पुल में कुल 67 पिलर हैं. यह पुल बेहद ही खास तकनीक बैलेंस कैंटीलीवर से बनाया गया है. इस तकनीक की खासियत यह है कि, इससे बेहतर संतुलन के साथ स्ट्रक्चर को मजबूती मिलती है. साथ ही इस तरह के पुल लंबे वक्त तक टिकते हैं.

पुल की ये सभी भी है खासियत

इसके अलावा पुल की एक और खासियत यह भी है कि, इस पुल के दो पिलर के बीच 150 मीटर का गैप है, जिससे बड़े जहाज भी आराम से गुजर सकते हैं. वहीं, गंगा नदी के जलस्तर से पुल की ऊंचाई लगभग 13 मीटर है, जिसके कारण बाढ़ के दौरान भी कोई समस्या नहीं होगी. इसकी ऊंचाई गंगा के जलस्तर से करीब 13 मीटर ऊपर है, जिससे बाढ़ के समय भी आवागमन में कोई परेशानी नहीं होगी. बता दें कि, यह पुल पटना के ‘सबलपुर के पास NH-30 और वैशाली के चकसिकंदर में NH-103 से जुड़ेगा. जिसके बाद यह आमस-दरभंगा सिक्सलेन सड़क से भी कनेक्ट होगा. हाई मस्क लाइट लगाई गई है. पर्यटन की दृष्टि से भी खास व्यवस्था की गई है. दरअसल, पुल पर बालकनी जैसे प्लेटफॉर्म बनाए गए हैं, जिससे लेग गंगा नदी के डॉल्फिन का आनंद ले सकते हैं. बता दें कि, इस पुल के बनने से व्यापार को भी बढ़ावा मिलने की बात कही जा रही है.

Also Read: Patna Metro: बस 45 दिन और इंतजार…पटना मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर ट्रायल का डेट फाइनल

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel