पटना. विधानसभा चुनाव के दौरान ग्रामीण इलाकों में महिला वोटरों की पहचान करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इस कारण वोट करने बूथ पर पहुंची महिलाओं की पहचान आंगनबाड़ी सेविका करेंगी. 90 हजार बूथों पर इनकी जिम्मेदारी होगी कि यह वैसी सभी महिला वोटरों की पहचान करें, जो किसी भी तरह से पर्दा में बूथ पर पहुंची हैं. इनमें हिंदू और मुस्लिम दोनों महिलाएं शामिल होंगी. मुस्लिम बहुल इलाकों में पर्दा में आने वाली महिलाओं एवं लड़कियों की पहचान करेंगी, तो ग्रामीण इलाकों में हिंदू महिलाएं जो घूंघट में वोट करने बूथों पर पहुंचती हैं. बूथों पर चुनाव के दौरान लगायी जाने वाली सेविकाओं को जिला स्तर पर ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्हें बताया जा रहा है कि पर्दा में या घूंघट आयी महिलाओं और लड़कियों की पहचान कैसे करनी है. उनके पास कौन-कौन सा पहचान पत्र रहेगा, जिनसे उनका मिलान करना होगा. उनको वोटरों से कैसे बात करनी है. उनके व्यवहार में क्या-क्या रहेगा, जिससे किसी भी महिला वोटर को तकलीफ नहीं हो. इन बिंदुओं पर उनको ट्रेंड किया जा रहा है. बूथों पर पहचान में होती है परेशानी: बिहार में अनेकों बूथों पर अब भी घूंघटवाली या पर्दानशीं महिलाएं में वोट करने पहुंचती हैं. इनकी पहचान करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में सेविका को जिम्मेदारी देने से बूथों पर वोटिंग में परेशानी नहीं होगी. वहीं, सेविका को परेशानी नहीं हो, इस कारण उनको उनके कर्य क्षेत्र के पास बनी बूथों पर लगाया जायेगा.
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