संवाददाता, पटना: अगर कोई स्टूडेंट्स किसी भी कारण से एडमिशन लेने के बाद कॉलेज छोड़ता है तो कॉलेज प्रबंधन को उसकी फीस वापस करना होगा. यूजीसी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया कि कोई उच्च शिक्षण संस्थान किसी छात्र की फीस और उसके अकादमिक सर्टिफिकेट को नहीं रख सकता है. नियम न मानने पर मान्यता रदद, सभी प्रकार की ग्रांट रोकने, किसी प्रोग्राम में एक साल या उससे अधिक समय तक दाखिले पर रोक, जुर्माना से लेकर राज्य सरकारों के संस्थानों के खिलाफ स्टेट एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी. यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने कहा है कि यूजीसी के बार-बार निर्देशों के बाद कई शिक्षण संस्थान छात्र के कॉलेज छोड़ने पर फीस वापस नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा दाखिले के बाद मूल सर्टिफिकेट तक वापस नहीं किये जा रहे हैं. राज्य सरकारों से आग्रह है कि वे अपने उच्च शिक्षण संस्थानों में फीस वापसी के नियमों को लागू करवायें. छात्रों और अभिभावकों की शिकायतों का समय से निपटारा करें. अगर 31 अक्तूबर तक किसी छात्र ने प्रवेश रद्द करने के लिए आवेदन किया होगा तो शुल्क के लिए भुगतान की गयी सभी राशि यूजीसी नियमों के तहत वापस करनी होगी.
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