संवाददाता, पटना राष्ट्रीय हस्तशिल्प सप्ताह-2025 के अवसर पर उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान (उमसास), पटना की ओर से हस्तशिल्प उत्पाद प्रदर्शनी, कारीगर संवाद और कौशल प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं, कारीगरों, कला-प्रेमियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान में विकसित पारंपरिक और समकालीन हस्तशिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी से हुई. मधुबनी पेंटिंग, टिकुली कला, मंजूषा चित्रकला, पेपर मशीन, बांस एवं जूट शिल्प, और टेराकोटा जैसी उत्कृष्ट कलाकृतियां विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं, जिनकी आगंतुकों ने सराहना की. इसके बाद आयोजित कारीगर संवाद सत्र में संस्थान के उप विकास पदाधिकारी, डीसी हैंडीक्राफ्ट और इपीसीएच पटना के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किया. उन्होंने प्रशिक्षुओं को तकनीकी उन्नयन, बाजार की आवश्यकताओं, डिजाइन नवाचार और उद्यमिता पर मार्गदर्शन प्रदान किया. युवा प्रशिक्षुओं ने भी आत्मविश्वास के साथ अपनी परियोजनाएं प्रस्तुत कीं. कौशल प्रदर्शन खंड में कारीगरों और प्रशिक्षुओं ने पारंपरिक तकनीकों के साथ आधुनिक दृष्टिकोण का समन्वय दिखाते हुए हस्तशिल्प निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया का लाइव डेमो दिया, जिसे दर्शकों ने अत्यंत ज्ञानवर्धक बताया.
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