Election Express: प्रभात खबर का इलेक्शन एक्सप्रेस लगातार जारी है. हम बिहार के अलग-अलग विधानसभा सीटों पर पहुंच रहे हैं. करीब 30,000 किलोमीटर की यात्रा तय करने के लिए हमारी 3 टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में निकल चुकी है. इस क्रम में आज हम पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे हैं, जहां हमारी टीम अलग-अलग चौक-चौराहों पर जाकर लोगों से बातचीत करेगी. उनकी समस्याओं पर चर्चा होगी. शाम में एक चौपाल भी लगाया जाएगा, जिसमें कल्याणपुर की जनता के साथ-साथ उनके प्रतिनिधि भी मौजूद होंगे. आज जिस विधानसभा क्षेत्र में हम अपना यह कार्यक्रम करने वाले हैं, उस क्षेत्र की चर्चा विश्वपटल पर है. इसी विधानसभा क्षेत्र में विश्व स्तरीय विराट रामायण मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जो अयोध्या के राम मंदिर से भी तीन गुणा बड़ा और भव्य होने वाला है.
140 एकड़ में फैला है मंदिर
पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर प्रखंड के कैथवलिया गांव में बन रहा विराट रामायण मंदिर भारत की एक ऐतिहासिक और भव्य धार्मिक परियोजना है. लगभग 140 एकड़ क्षेत्र में फैला यह मंदिर विश्व के सबसे बड़े रामायण मंदिरों में से एक होगा, जिसका निर्माण पटना की महावीर स्थल न्यास समिति द्वारा लगभग ₹500 करोड़ की लागत से किया जा रहा है.
विशाल तालाब का भी होगा निर्माण
मंदिर परिसर में कुल 22 देवालय होंगे, जिनमें 21 देवी-देवताओं का वर्णन रामायण से लिया गया है और एक उपमंदिर भगवान श्रीकृष्ण के लिए समर्पित होगा. इस मंदिर का शिखर कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर से लगभग दोगुना ऊंचा होगा, जिसकी ऊंचाई करीब 405 फुट होगी. इसके अलावा, मंदिर की लंबाई 1080 फीट, चौड़ाई 540 फीट और मुख्य संरचना की ऊंचाई 270 फीट होगी. मंदिर परिसर में 800 फुट लंबा और 400 फुट चौड़ा शिव गंगा नामक विशाल तालाब भी बनाया जाएगा.
सहस्त्रलिंगम शिवलिंग होगा स्थापित
मंदिर में विश्व का सबसे ऊंचा सहस्त्रलिंगम शिवलिंग स्थापित होगा, जो 1008 छोटे शिवलिंगों का समूह होगा और लगभग 200 टन वजनी होगा. भक्तों के लिए जलाभिषेक सुविधा हेतु दो मंजिला छत, लिफ्ट और एस्केलेटर का प्रबंध होगा. मंदिर की डिजाइन में गुजरात की त्रिवेदी कॉर्प द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले मार्बल और चुनार पत्थर का इस्तेमाल होगा.
राम मंदिर से भी 3 गुणा भव्य
अयोध्या के राम मंदिर से तीन गुणा बड़ा यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा बल्कि पूर्वी चंपारण की पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करेगा. 2027 के रामनवमी तक इस प्रोजेक्ट के संपन्न होने की संभावना है, जो भारतीय संस्कृति और आस्था का अद्भुत प्रतीक बनेगा.
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