Traffic Challan: अगर आपकी गाड़ी के कागजात जैसे इंश्योरेंस, फिटनेस या पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUC) समय पर अपडेट नहीं हैं, तो अब सावधान हो जाइए. बिहार के टोल प्लाजाओं पर ऑटोमेटिक सिस्टम के जरिए भारी संख्या में गाड़ियों पर ई-चालान काटे जा रहे हैं. 7 अगस्त 2024 से 7 अप्रैल 2025 के बीच करीब 1.5 लाख वाहनों पर लगभग 80 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इससे वाहन चालकों में काफी नाराजगी देखी जा रही है.
फास्टैग या नंबर प्लेट स्कैनिंग से कट रहा चालान
बिहार के परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य भर के 31 टोल प्लाजा पर अब ई-डिटेक्शन सिस्टम लगा है. ये सिस्टम गाड़ियों के फास्टैग या नंबर प्लेट को स्कैन कर यह जांच करता है कि गाड़ी के जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे फिटनेस, इंश्योरेंस और प्रदूषण प्रमाणपत्र (PUC) वैलिड हैं या नहीं. यदि इनमें से कोई भी डॉक्यूमेंट एक्सपायर मिला, तो तुरंत ऑटोमेटिक चालान कट जाता है.
क्यों जरूरी है ये सिस्टम?
इस तकनीक का मुख्य उद्देश्य ट्रैफिक सिस्टम को मेंटेन करना और पौल्युशन कंट्रोल करना है. परिवहन विभाग का कहना है कि जिन गाड़ियों की फिटनेस खराब होती है, उनके चलते सड़क हादसे बढ़ते हैं. वहीं, बिना बीमा के वाहन दुर्घटना में शामिल हो जाएं, तो पीड़ित को मुआवजा मिलने में दिक्कत होती है. इसलिए यह सिस्टम लापरवाह वाहन मालिकों पर सख्ती करने का एक जरिया है.
कुल्हरिया टोल प्लाजा से वसूला गया है 12 करोड़ रुपए का जुर्माना
संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य में सबसे ज्यादा चालान कुल्हरिया टोल प्लाजा से हुआ है, जहां 26 हजार से ज्यादा वाहनों से करीब 12 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है. इसके बाद पारसोनी खेम टोल प्लाजा है, जहां 15 हजार से अधिक वाहनों पर 10 करोड़ रुपये का चालान काटा गया. सौकला, दीदारगंज और हरियाबारा टोल प्लाजा पर भी बड़ी संख्या में गाड़ियों पर जुर्माना लगाया गया.
वाहन मालिकों से अपील
परिवहन विभाग ने सभी वाहन मालिकों से अपील की है कि वे अपने डॉक्यूमेंट समय पर रिन्यू करवाएं और ट्रैफिक रूल्स का पालन करें. इससे न सिर्फ चालान और जुर्माने से बचा जा सकता है, बल्कि हादसों और कानूनी उलझनों से भी दूर रहा जा सकता है.
(सहयोगी श्रीति सागर की रिपोर्ट)
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