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महाकवि लालदास की रचनाओं पर चर्चा

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चेतना समिति की ओर से महाकवि लालदास की जयंती पर समारोह का आयोजन किया गया.

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संवाददाता, पटना

चेतना समिति की ओर से महाकवि लालदास की जयंती पर समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में मुख्य वक्ता रमानंद झा रमण ने महाकवि लालदास के लिए स्त्री धर्म व शिक्षा के महत्व विषय पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि महाकवि लालदास की रचनाओं में स्त्री सामर्थ्य पर विस्तार से उल्लेख किया गया है. सीता व सावित्री का चरित्र चित्रण समाज के लिए आदर्श है. समारोह की अध्यक्षता प्रेमलता मिश्रा ””प्रेम”” ने की. उन्होंने कहा कि स्त्री शिक्षा के लिए महाकवि की रचना ही मिथिला में उपलब्ध थी. उन्होंने गंगा माहात्म्य, वैधव्य भजनी आदि रचनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला. इस अवसर पर रमानंद झा रमण द्वारा संपादित महाकवि लालदास रचनावली भाग-2 का लोकार्पण किया गया. प्रो वीरेंद्र झा ने कहा कि महाकवि की रचना में मिथिला प्रकृति विवरण अत्यंत लालित्यपूर्ण है. समारोह में महाकवि लालदास के पौत्र मनहर गोपाल ने कहा कि उनके परिवार के अन्य सदस्यों की अप्रकाशित रचनाओं को प्रकाश में लाने का प्रयास किया जायेगा. भवनाथ झा ने कहा कि महाकवि लालदास के समय से करीब बीस वर्ष पूर्व प्रकाशित रीति रत्नाकर में नारी शिक्षा पर इसाइयत के प्रभाव को रेखांकित किया था. चेतना समिति की अध्यक्ष निशा मदन झा ने कहा कि महाकवि की रचना के अनुकूल स्त्री के समग्र विकास पर विचार किया जाना आवश्यक है. कार्यक्रम का संयोजन मदन पाठक ने किया और धन्यवाद ज्ञापन एडवोकेट मंजू झा ने किया.

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