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विद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए परामर्श कक्षाएं आयोजित की जायेंगी

बीएसइपी पटना ने सभी सरकारी विद्यालयों को सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है.

-विद्यालयों में सुरक्षा को लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद सख्त, सभी विद्यालयों को मिले विशेष निर्देश

संवाददाता, पटना

चितकोहरा स्थित कन्या मध्य विद्यालय में छात्रा की जलने से हुई मौत की घटना के बाद बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीएसइपी) पटना ने विद्यालय सुरक्षा को लेकर सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों और विद्यालय अवसर निरीक्षक के लिए गाइडलाइन जारी की है. अब विद्यालयों में विद्यार्थियों की सुरक्षा अब सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. बीएसइपी पटना ने सभी सरकारी विद्यालयों को सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्रशिक्षण एवं सर्व शिक्षा अभियान) कुमकुम पाठक की ओर से जारी इस आदेश में कहा गया है कि विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता स्वीकार नहीं होगा और इसके लिए विद्यालय प्रशासन की सीधी जिम्मेदारी तय होगी. जारी पत्र में दिये गये सभी उपायों को विद्यालय स्तर पर लागू करना होगा. जिला स्तर से निर्णय या मार्गदर्शन की जरूरत हो, तो तुरंत संबंधित पदाधिकारी के संज्ञान में लाकर सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पूर्ण करने की कार्रवाई की जाये. परिषद द्वारा जारी आदेश में विद्यालयों के लिए कई बिंदुओं पर जोर दिया गया है. पत्र में कहा गया है कि मनोसामाजिक रूप से भी स्कूल के बच्चों को तैयार किया जायेगा. चेतना सत्र, सुरक्षित शनिवार अथवा विशेष सत्र आयोजित कर विद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए परामर्श कक्षाएं आयोजित की जायेगी. इसमें आपदाओं के समय मनोवैज्ञानिक रूप से शांत व धैर्यवान बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा. पुलिस, अग्निशमन, दमकल, अस्पताल, बिजली विभाग, आपदा मित्र आदि का मोबाइल नंबर विद्यालय में प्रमुख जगह पर अंकित कराया जाये, साथ ही इन सबको नियमित रूप से विद्यालय भ्रमण के लिए आमंत्रित किया जाये. इनके द्वारा सुझाये गये उपायों पर अमल करने को कहा है.

खतरे की पहचान कर सुरक्षात्मक उपाय तुरंत किये जाएं

प्रत्येक विद्यालय में विद्यालय शिक्षा समिति, विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाये और आवश्यक कदम उठाये जाएं. सुरक्षा संबंधित जांच कराकर इसका प्रतिवेदन भी देना होगा. चेतना सत्र में सभी स्टूडेंट्स के साथ विद्यालय की सुरक्षा को लेकर चर्चा की जायेगी. चर्चा के दौरान जिन अवयवों से सुरक्षा को लेकर खतरा हो उसकी पहचान कर सुरक्षात्मक उपाय तुरंत किया जाये. भूकंप, बाढ़, वज्रपात, अगलगी आदि आपदाओं से निबटने के लिए स्कूल के स्टूडेंट्स को नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जायेगा.

विद्यालयों में सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि विद्यालयों में सुरक्षा व्यवस्था की पूर्ण जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक और विद्यालय प्रबंधन समिति की होगी. यदि किसी विद्यालय में सुरक्षा संबंधी लापरवाही पायी जाती है तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों एवं प्रधानाध्यापकों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. परिषद का मानना है कि हाल के समय में विद्यालयों में सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है. ऐसे में यह कदम बच्चों और अभिभावकों दोनों के लिए विश्वास बढ़ाने वाला साबित होगा. इस आदेश की प्रति सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों, सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शिक्षा समिति के सदस्यों को भेज दी गयी है. ताकि तुरंत प्रभाव से इन दिशा-निर्देशों का पालन हो सके.

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