संवाददाता, पटना सीबीएसइ ने स्टूडेंट्स के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को ध्यान में रखते हुए काउंसेलिंग हब और स्पोक स्कूल मॉडल शुरू किया है. यह सत्र 2025-26 से ही लागू होगा. इस पहल का उद्देश्य स्कूलों के बीच सहयोगी नेटवर्क बनाकर परामर्श सेवाओं की पहुंच बढ़ाना और छात्रों को समय पर मनोसामाजिक सहायता उपलब्ध कराना है. इसके साथ ही, बोर्ड ने इस सत्र के लिए चुने गये हब और स्पोक स्कूलों की सूची भी साझा की है. बोर्ड ने कई संस्थानों और विभागों को जैसे केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, सैनिक स्कूल, ओडिशा आदर्श विद्यालय संगठन, सभी राज्य शिक्षा निदेशक, एडब्ल्यूइएस और केंद्रीय तिब्बती स्कूल प्रशासन को सौंपा है. मॉडल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) 2020 के विचारों पर आधारित है और इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों तक परामर्श सेवाओं की पहुंच बढ़ाना, स्कूलों की संस्थानिक क्षमता को मजबूत करना तथा छात्रों में सहकर्मी सीखने और कल्याण को बढ़ावा देना है. इस मॉडल में स्कूल के प्रमुख या प्रधानाचार्य की भूमिका सबसे अहम होगी. उनके मार्गदर्शन में परामर्शदाता (काउंसलर) और स्वास्थ्य शिक्षक बच्चों को सहायता देंगे. साथ ही, हब स्कूलों के परामर्शदाता, स्पोक स्कूलों के परामर्शदाताओं के साथ मिलकर हर महीने तय की गयी गतिविधियां एक साथ चलायेंगे, ताकि छात्रों को लगातार सही सहयोग मिल सके. इस पहल के अंतर्गत रिपोर्टिंग की एक व्यवस्थित प्रक्रिया भी तय की गयी है. स्पोक स्कूलों को प्रत्येक माह अपने-अपने हब स्कूलों को रिपोर्ट भेजनी होगी. इसके बाद हब स्कूल इन सभी रिपोर्टों को एकत्र करके हर महीने की पांच तारीख तक दिये गये गूगल फॉर्म के माध्यम से सीबीएसइ को भेजेंगे. इस तरीके से सभी गतिविधियों की निगरानी होगी और परामर्श सेवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सकेगी.
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