Bihar Train News: बिहार से अब लंबी दूरी की यात्रा के लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने लंबी दूरी के पेंट्री कार वाले ट्रेनों में मिल्क बैंक रखने का निर्देश जारी किया है. रेलवे की तरफ से यह फैसला बेहद खास माना जा रहा है. रेलवे की इस पहल का उद्देश्य बच्चों के पोषण को सुनिश्चित करना बताया जा रहा. रेलवे के इस फैसले से अब सफर के दौरान बच्चों के लिए के लिए दूध की किल्लत नहीं होगी.
लंबे सफर में नहीं होगी परेशानी
किसी भी ट्रेन से इस तरह की शिकायत आने पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है. कई बार ऐसा देखा जाता है कि लंबी दूरी की यात्रा के दौरान माता-पिता को परेशानी झेलनी पड़ती है. खासकर छोटे बच्चे के लिए दूध उपलब्ध नहीं होने के कारण दिक्कत होती है. ऐसे में मिल्क बैंक की व्यवस्था खासकर उन ट्रेनों में की जाएगी, जिससे सफर करने में एक से दो दिन तक का समय लग जाता है.
इन ट्रेनों में मिलेंगी सुविधाएं…
जानकारी के मुताबिक, भागलपुर से दिल्ली आनंद विहार, जम्मू तवी एक्सप्रेस, बेंगलुरू एक्सप्रेस समेत अन्य लंबी दूरी की ट्रेनों में यह व्यवस्था की जा रही है. आईआरसीटीसी के एजीएम बीरेंद्र भट्ट के मुताबिक, ज्यादातर ट्रेनें जिनमें पेंट्री कार की व्यवस्था है, उनमें मिल्क बैंक रखना अनिवार्य किया जा रहा है. यह योजना कुछ चुनिंदा ट्रेनों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जाएगी. इन ट्रेनों में राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, दूरंतो एक्सप्रेस जैसी कुछ ट्रेनें शामिल हैं.
अन्य ट्रेनों में भी किया जाएगा लागू
कहा जा रहा है कि, प्रोजेक्ट की सफलता और यात्रियों से फीडबैक के आधार पर ही अन्य लंबी दूरी के ट्रेनों में भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी. पूर्व रेलवे की सीपीआरओ दीप्तिमय दत्ता के मुताबिक, पेंट्री कार वाले लंबी दूरी की ट्रेनों में दूध रखना अनिवार्य है. ताकि छोटे बच्चों को यात्रा के दौरान दूध की कमी नहीं हो पाए.
रेफ्रिजरेटर और वार्मर की भी व्यवस्था
इन ट्रेनों के मिल्क बैंक में अत्याधुनिक उपकरण भी लगाए जाएंगे. इनमें खास तरह के रेफ्रिजरेटर और वार्मर शामिल होंगे. ताकि यात्री अपने बच्चों के लिए आवश्यक दूध यहां सुरक्षित रूप से रख सकेंगे. जरूरत पड़ने पर वे इसे सही तापमान पर गर्म करके इस्तेमाल कर सकते हैं. खास बात यह भी है कि इमरजेंसी की स्थिति में रेलवे द्वारा भी पैकेट वाला दूध उपलब्ध कराया जाएगा. ऐसे में यात्रियों की सुविधा को देखते हुए यह पहल बेहद खास माना जा रहा है.

