मुख्य बातें
Bihar Tourism: पटना. सुबोध कुमार नंदन. घरेलू पर्यटन के राष्ट्रीय मानचित्र पर बिहार ने एक बार फिर अपनी महत्वपूर्ण मौजूदगी दर्ज करायी है. पर्यटन मंत्रालय के राज्यवार आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में बिहार में 65.46 मिलियन यानी लगभग 6.54 करोड़ घरेलू पर्यटकों का आगमन हुआ. बौद्ध, जैन, सिख और हिंदू धर्म से जुड़े ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों के कारण बिहार देश के प्रमुख धार्मिक-पर्यटन राज्यों में अपनी पहचान बनाये हुए है.
2008 में टूटा था रिकार्ड
आंकड़ों के अनुसार बिहार में घरेलू पर्यटकों की संख्या पिछले एक दशक में लगातार बढ़ती रही है. वर्ष 2011 में जहां यह आंकड़ा 1.84 करोड़ था, वहीं 2016 में बढ़ कर 2.85 करोड़ तक पहुंच गया. इसके बाद 2019 में बिहार ने 3.39 करोड़ घरेलू पर्यटकों का स्वागत किया. कोरोना महामारी के कारण 2020 और 2021 में यह संख्या घट कर क्रमशः 56.4 लाख और 25 लाख रह गयी, लेकिन 2022 से पर्यटन क्षेत्र में तेज रिकवरी देखने को मिली. वर्ष 2023 में बिहार में रिकॉर्ड 8.15 करोड़ घरेलू पर्यटक पहुंचे, जबकि 2024 में यह संख्या 6.54 करोड़ रही.
बोधगया करता है विदेशी पर्यटकों को आकर्षित
बिहार पर्यटन का सबसे बड़ा आधार धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन है. बोधगया, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई, देश-विदेश के श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. राजगीर, नालंदा, वैशाली, पावापुरी, गया, सीतामढ़ी और पटना साहिब जैसे स्थल वर्ष भर श्रद्धालुओं से गुलजार रहते हैं. साथ ही छठ महापर्व, श्रावणी मेला, पितृपक्ष मेला और राजगीर महोत्सव जैसे आयोजनों से भी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ती है.
बिहार में हैं पर्यटन की अपार संभावनाएं
पर्यटन विशेषज्ञों का मानना है कि बुनियादी सुविधाओं में सुधार, सड़कों और रेल नेटवर्क के विस्तार और हवाई कनेक्टिविटी बढ़ने से बिहार में घरेलू पर्यटन की संभावनाएं और मजबूत हुई हैं. पटना एयरपोर्ट के विस्तार और बोधगया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधी उड़ानों का लाभ भी राज्य को मिल रहा है. टूरिज्म एसोसिएशन ऑफ बिहार के चंद्र प्रकाश की मानें, तो अगर होटल, गाइड, सूचना केंद्र और स्वच्छता जैसी सुविधाओं पर और ध्यान दिया जाये, तो बिहार घरेलू पर्यटन के क्षेत्र में नयी ऊंचाइयों को छू सकता है.
Also Read: Bihar Bhumi: रक्सौल में बेतिया राज की जमीन पर 32700 लोगों का कब्जा, सरकार ने दिया खाली करने का आदेश

