Bihar Purnea MP Pappu Yadav: राज्यसभा बुलेटिन में सांसदों को शिष्टाचार और परंपरा का हवाला देते हुए जय हिंद और वंदे मातरम् जैसे नारे नहीं लगाने की सलाह दी है. कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने खुलकर इसकी आलोचना की है. पूर्णिया से निर्दलीय सांसद और कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने शनिवार को इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करार दिया.
पप्पू यादव ने क्या कहा ?
राज्यसभा में भाषणों में ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम’ के नारों पर बैन लगाने पर पप्पू यादव ने कहा, “यह हर किसी का बोलने का अधिकार है, चाहे कोई ‘वंदे मातरम’, ‘जय हिंद’, ‘वाहेगुरु’, ‘सत श्री अकाल’, या ‘हर हर महादेव’ कहे. हर किसी की अपनी आजादी है लेकिन अगर सरकार किसी चीज को थोपे, तो वह गलत है. संविधान के तहत काम करने में किसी को कोई दिक्कत नहीं है.”
जदयू ने क्या कहा ?
राज्यसभा में जय हिंद और वंदे मातरम् जैसे नारे नहीं लगाने वाले विवाद पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “राष्ट्रीय प्रतीक का नारा लगाना और उसका इस्तेमाल करना राजनीतिक विमर्श का विषय क्यों बन जाता है? निश्चित रूप से इससे बचना चाहिए. तमाम राजनीतिक दलों ने इस देश के संविधान के प्रति अपनी समर्पण व्यक्त की है. संविधान जिन प्रतीकों के इस्तेमाल की इजाजत देता है, उन पर विमर्श किया जाना और आलोचना किया जाना कहीं से उचित नहीं है.”
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SIR पर पप्पू यादव ने क्या कहा ?
उन्होंने SIR को लेकर हो रहे विवाद पर कहा, “उत्तर प्रदेश में कई बीएलओ की मौत हो गई. इससे ही पता चलता है कि चुनाव आयोग का तरीका गलत है. सही समय दिया जाना चाहिए. SIR की जांच होनी चाहिए और इसे साइंटिफिक और ट्रांसपेरेंट तरीके से लागू किया जाना चाहिए. बिहार में जिस तरह से गरीब और आम लोगों के वोट करने के अधिकार को छीन कर लोकतंत्र को खत्म किया गया, वैसा नहीं होना चाहिए.”

