Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में तेजस्वी यादव के नाम पर घमासान मचा हुआ है. पार्टी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और पूर्व अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के बयानों में स्पष्ट विरोधाभास देखा जा रहा है. जहां अल्लावारू का कहना है कि चुनाव के बाद विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री का चेहरा तय किया जाएगा, वहीं अखिलेश प्रसाद सिंह ने साफ कहा कि तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री के उम्मीदवार होंगे.
पार्टी में बीच सब कुछ ठीक नहीं
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में मतभेद गहरे हो गए हैं. चुनाव से पहले केंद्रीय आलाकमान ने पार्टी में कई बड़े बदलाव किए हैं, लेकिन इसके बावजूद पार्टी के भीतर कुछ ठीक नहीं चल रहा है. महागठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने के सभी प्रस्तावों को कांग्रेस आलाकमान ने खारिज कर दिया है.
मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में बिहार कांग्रेस के नेताओं के साथ चुनाव की रणनीति पर उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि पार्टी महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. इसके बाद कृष्णा अल्लावारू ने बयान दिया कि मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव के बाद तय होगा, जबकि तेजस्वी यादव के चेहरे को उन्होंने नकार दिया.
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क्या बोले पूर्व अध्यक्ष
कृष्णा अल्लावरु के बयान के 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने उनके बयान को नकार दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने लिखा, ” इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है कि बिहार में तेजस्वी यादव ही INDIA गठबंधन का चेहरा होंगे. RJD बिहार की बड़ी पार्टी है और जाहिर सी बात है कि वह सीटें भी ज़्यादा लाएगी. ऐसे में तेजस्वी की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. पिछले चुनावों में भी तेजस्वी के नाम की सहमति बनी थी.”
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