Bihar Politics: भाकपा माले और किसान आंदोलन के प्रमुख नेता रहे दिवंगत विशेश्वर प्रसाद यादव की हाजीपुर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा रविवार को सियासी बयानबाजी का बड़ा मंच बन गई. सभा को संबोधित करते हुए माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बिहार की नई सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और 26 नवंबर को नए श्रम कानूनों के खिलाफ बड़े आंदोलन का एलान किया.
हाजीपुर की श्रद्धांजलि सभा में राजनीतिक तापमान बढ़ा
कार्यक्रम की शुरुआत दिवंगत विशेश्वर प्रसाद यादव को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई, लेकिन कुछ ही देर में यह सभा बिहार की मौजूदा सरकार और केंद्र की नीतियों पर तीखे हमलों में बदल गई. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार एक “खतरनाक दौर” में प्रवेश कर चुका है और राजनीति की दिशा चिंताजनक है.
माले महासचिव ने दावा किया कि बिहार सरकार में गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को दी गई है, जिनके सामने यूपी का मॉडल रखा गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि, “अब बिहार में भी बुलडोजर का इस्तेमाल बढ़ेगा, जो कानून के शासन की जगह राजनीतिक एजेंडे को पुष्ट करेगा.”
उनके अनुसार, उत्तर प्रदेश में माफिया खत्म करने के नाम पर दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया गया और सवर्ण सामंती ताकतों को “सत्ता-संरक्षण” मिला. उन्होंने कहा कि बिहार में भी इसी तरह की स्थिति बन सकती है.
मोदी सरकार और बंगाल की राजनीति पर भी टिप्पणी
सभा के दौरान दीपंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को भी निशाने पर लिया जिसमें कहा गया था कि “गंगा बिहार से बंगाल की ओर बढ़ेगी.” उन्होंने कहा कि यह लोगों की आस्था की गंगा नहीं, बल्कि “सत्ता की गंगा” है, जिसे लेकर केंद्र अब बंगाल की ओर राजनीतिक ध्यान बढ़ा रहा है.
चार श्रम कोड पर माले की कड़ी आपत्ति, 26 नवंबर को देशव्यापी आंदोलन
दीपंकर भट्टाचार्य ने नए श्रम कानूनों को “मजदूर-विरोधी” बताते हुए कहा कि काम के घंटे बढ़ा दिए गए, हड़ताल करना बेहद मुश्किल कर दिया गया और श्रमिकों की सुरक्षा को लगभग समाप्त कर दिया गया है.
उन्होंने घोषणा की कि 26 नवंबर को भाकपा माले नए श्रम कोड के खिलाफ व्यापक राज्यव्यापी आंदोलन करेगी, जिसमें मजदूर संगठनों को भी शामिल होने की अपील की गई है.
अंत में दीपंकर ने कहा कि बिहार में लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा और कमजोर तबकों की सुरक्षा के लिए संघर्ष तेज किया जाएगा. उन्होंने लोगों से अपील की कि आने वाले दिनों में सरकार की नीतियों की समीक्षा और विरोध जरूरी है.

