Bihar News: बिहार में सड़कों की देखरेख अब AI से की जाएगी, ताकि सड़क दुर्घटनाएं कम से कम हो और लोग सुरक्षित घर पहुंच सकें. राज्य में सड़क हादसे को कम करने के लिये केंद्र सरकार के कैपिटल इनवेसमेंट स्कीम 2025-26 के तहत इलेक्ट्रानिक मानेटरिंग एंड इंफोर्समेंट ऑफ रोड सेफ्टी की जायेगी, जिसमें व्यय का वहन उनके द्वारा किया जायेगा. इस योजना को जगह-जगह पर स्पीड कैमरा, सीसी टीवी, स्पीड गन, बाडी कैमरा का विस्तार किया जायेगा. इसके साथ ही नयी डिवाइस का उपयोग होगा. जो वर्तमान में लगे डिवाइस से तकनीकी रूप से काफी विकसित रहेंगे. इसको लेकर सड़क सुरक्षा के तहत काम शुरू हो गया है. इसमें AI का भी सहयोग लिया जायेगा.
इलेक्ट्रानिक डिवाइस के जरिये निगरानी बढ़ाने की योजना
वर्तमान में एनएच और एसएच पर इलेक्ट्रानिक डिवाइस के जरिये निगरानी बढ़ाने की योजना है, 10 जिलों में 138 दुर्घटना प्रवण स्थल, संधि स्थल, अधिक घनत्व संभाग एवं महत्वपूर्ण चौराहों पर निगरानी करने की योजना बनी है. इसके लिये जिलों में तैनात अधिकारियों को दिशा-निर्देश भेजा गया है. वहीं, सड़क दुर्घटना के कारणों में चिन्हित हर कमियों को पूरा करने का लक्ष्य मांगा गया है. इन जगहों पर सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी विभागों की टीम संयुक्त रूप से जाकर रिपोर्ट तैयार करेगी. इसके आधार पर खतरनाक सड़कों पर दुर्घटना के कारणों का निबटारा होगा.
सभी भीड़-भाड़ वाले चौराहे पर ई-डिटेक्शन सिस्टम करेगा काम
यातायात विभाग के मुताबिक इस प्रणाली टोल प्लाजों पर वाहनों के फास्टटैग को कैप्चर कर या नम्बर इंट्री कर फिटनेस, इंश्योरेंस, और पॉल्यूशन प्रमाण पत्र की वैधता को स्वचालित रूप से जांच करती है. डॉक्यूमेंट फेल पाए जाने पर ऑटोमेटिक ई-चालान जारी किया जाता है. इस सिस्टम का भी विस्तार किया जायेगा.
उल्लंघन के प्रमुख कारण
- फिटनेस प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त होना.
- वाहन का बीमा नवीनीकृत न होना.
- प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र का फेल होना.

