Bihar News: बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए कक्षा 6 से 12 तक के एक करोड़ से अधिक बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डिजिटल स्किल्स सिखाने की महत्वाकांक्षी योजना का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है और जल्द ही एडोब (Adobe) कंपनी के डिजिटल एजुकेशन प्रोग्राम से करार होगा.
नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप यह पहल 2025-26 से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगी और 2026-27 तक पूरे राज्य में लागू हो जाएगी.
नई शिक्षा नीति के अनुरूप पहल
यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) के उस विजन का हिस्सा है, जिसमें विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखकर उन्हें तकनीकी दुनिया के लिए तैयार करने की बात कही गई है. CBSE पहले ही कक्षा 9 से 12 में AI को एक विषय बना चुका है. बिहार अब उसी मॉडल को अपनाकर सरकारी स्कूलों के बच्चों को तकनीकी शिक्षा में आगे बढ़ाना चाहता है.
योजना के तहत छात्र-छात्राओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर स्किल्स, डेटा एनालिसिस, क्रिएटिव थिंकिंग और प्रॉब्लम-सॉल्विंग जैसी अहम क्षमताएं सिखाई जाएंगी. एडोब के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इंटरेक्टिव लर्निंग होगी, जिसमें विजुअल, ऑडियो और मल्टीमीडिया कंटेंट शामिल होगा.
शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि विद्यार्थी पैटर्न पहचानें, डेटा का विश्लेषण करें और भविष्य की संभावनाओं का अनुमान लगाने में सक्षम बनें.
कब और कैसे लागू होगी योजना?
शिक्षा विभाग ने 2025-26 सत्र से चुनिंदा स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बनाई है. इसके बाद 2026-27 तक यह कार्यक्रम पूरे बिहार के मिडल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में लागू कर दिया जाएगा.
एडोब कंपनी के साथ एमओयू साइन होने के बाद शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होंगे. शिक्षा विभाग ने पहले ही ‘उन्नयन मॉडल’ के तहत 6,000 स्कूलों में 28 लाख बच्चों को 3D मल्टीमीडिया से पढ़ाने का प्रयोग किया है. अब उसी मॉडल को बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाया जा रहा है.
सरकार का दावा : बच्चों का भविष्य सुरक्षित
नीतीश सरकार का कहना है कि यह पहल बिहार के बच्चों को भविष्य की नौकरियों और करियर के लिए तैयार करेगी. ग्रामीण इलाकों में पढ़ने वाले बच्चे भी अब डिजिटल स्किल्स सीखकर प्रतिस्पर्धा में पीछे नहीं रहेंगे.
एक अधिकारी ने बताया कि “हमारा मकसद है कि गांव के बच्चे भी कंप्यूटर, डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को उतनी ही सहजता से सीखें, जितना शहरों में पढ़ने वाले बच्चे सीखते हैं. यह बिहार की नई पीढ़ी को सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है.”

