अनुज शर्मा/ Bihar News. बिहार में भू-सम्पदा (रियल एस्टेट) क्षेत्र को धोखाधड़ी और भ्रम से मुक्त बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. राज्य के भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने अब सभी पंजीकृत एजेंटों को भी पहचान के लिए QR कोड देना शुरू कर दिया है. इससे पहले यह सुविधा केवल पंजीकृत परियोजनाओं (प्रोजेक्ट्स) को ही दी गई थी. यह नई व्यवस्था सोमवार से पूरे राज्य में लागू कर दी गई है.
कार्यालय और विज्ञापन में दिखाना होगा QR कोड
अब राज्य के सभी पंजीकृत भू-सम्पदा एजेंटों को अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र के साथ QR कोड को भी अपने कार्यालय में स्पष्ट रूप से लगाना होगा. इसके साथ ही अगर वे किसी प्रकार का विज्ञापन या प्रचार करते हैं, तो उसमें पंजीकरण संख्या के साथ QR कोड का भी प्रदर्शन करना आवश्यक होगा. इस कोड को कोई भी व्यक्ति मोबाइल फोन से स्कैन कर एजेंट से जुड़ी सभी सरकारी जानकारी तुरंत देख सकता है.
रेरा अध्यक्ष बोले- खरीदारों को मिलेगी सुरक्षा
रेरा बिहार के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने कहा कि प्राधिकरण का उद्देश्य है कि आम नागरिकों को यह जानने में आसानी हो कि कोई एजेंट पंजीकृत है या नहीं. उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी एजेंट केवल पंजीकृत परियोजनाओं में ही फ्लैट, दुकान या भूखंड बेच सकता है. यदि कोई एजेंट नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
प्लॉटिंग कर रहे एजेंटों पर चलेगा आपराधिक मुकदमा
हाल में रेरा बिहार और सारण जिला प्रशासन के संयुक्त सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ कि कुछ पंजीकृत एजेंट खुद ही गैरकानूनी ढंग से जमीन काटकर प्लॉटिंग कर रहे हैं. यह न केवल रेरा अधिनियम का उल्लंघन है बल्कि आम लोगों से धोखा भी है. ऐसे एजेंटों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमे दर्ज करने का निर्णय लिया गया है.
रेरा की अपील– पहले जांचें, फिर खरीदें
प्राधिकरण ने जनता से अपील की है कि वे भू-सम्पदा अधिनियम की जानकारी लें और ठगी से बचने के लिए रेरा द्वारा जारी की गई सूचनाओं का लाभ उठाएं. यह समझना जरूरी है कि परियोजना का पंजीकरण और एजेंट का पंजीकरण दो अलग चीजें हैं.
परियोजना का पंजीकरण प्रमोटर द्वारा कराया जाता है ताकि वह निर्माण कर संपत्ति बेच सके. जबकि एजेंट केवल रेरा-पंजीकृत परियोजनाओं में बिक्री का कार्य कर सकता है. वह अपनी परियोजना नहीं बना सकता है.
रेरा ने यह भी स्पष्ट किया है कि परियोजना की पंजीकरण संख्या “BRERAP” से शुरू होती है, जबकि एजेंट की संख्या “BRERAA” से. ऐसे में किसी भी संपत्ति को खरीदने से पहले उसकी पंजीकरण संख्या की जांच अवश्य करें. यह एक छोटा प्रयास, भविष्य की बड़ी सुरक्षा बन सकता है.