Bihar News: बिहार के भोजपुर जिले से शुक्रवार को एक बड़ी खबर सामने आई, जिसने पूरे सीमांचल और मगध इलाके में हलचल मचा दी. पटना एसटीएफ और शाहपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में भारी मात्रा में हथियार और जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. इनमें एके-47 राइफल से लेकर पिस्टल और रिवॉल्वर तक शामिल हैं.
इस दौरान दो तस्करों को गिरफ्तार भी किया गया माना जा रहा है कि यह तस्करी चुनावी माहौल में असामाजिक गतिविधियों को हवा देने के मकसद से की जा रही थी.
शाहपुर में हड़कंप मचाने वाली छापेमारी
पटना एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में हथियारों की बड़ी खेप छिपाकर रखी गई है. सूचना की गंभीरता को देखते हुए एसटीएफ ने शाहपुर पुलिस के साथ तुरंत छापेमारी की योजना बनाई. शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 3 और 6 में हुई इस कार्रवाई के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने जिस तरह से हथियार बरामद किए, उसने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया.
कार्रवाई में पुलिस ने 1 एके-47 राइफल, 1 बंदूक, 2 पिस्टल, 2 देसी कट्टा, 1 रिवॉल्वर और करीब 70 जिंदा कारतूस बरामद किए. इतनी बड़ी मात्रा में हथियार एक ही जगह से मिलना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है. मौके से दो तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है.
चुनाव से पहले बढ़ी सुरक्षा चिंता
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक हैं और इसी दौरान इतनी बड़ी बरामदगी ने सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. आशंका जताई जा रही है कि इन हथियारों का इस्तेमाल चुनावी हिंसा या असामाजिक तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने के लिए किया जा सकता था. इससे पहले भी बिहार में चुनाव पूर्व हथियार बरामदगी के कई मामले सामने आ चुके हैं, जो बताता है कि तस्कर चुनावी सीजन को अपने फायदे का मौका मानते हैं.
गिरफ्तार तस्करों के तार अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़े हो सकते हैं. STF को शक है कि इन हथियारों की आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से होती रही है और इसका नेटवर्क बिहार के अलग-अलग जिलों तक फैला हुआ है. पूछताछ के आधार पर जल्द ही अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की संभावना जताई जा रही है. अगर ऐसा हुआ तो कई और चौंकाने वाले खुलासे सामने आ सकते हैं.
राहत और सतर्कता का मिला-जुला माहौल
इस कार्रवाई के बाद शाहपुर और आसपास के इलाकों के लोगों ने राहत की सांस ली है. आम नागरिकों का मानना है कि समय रहते पुलिस और एसटीएफ ने बड़ी घटना को रोक दिया, वरना हालात बेकाबू हो सकते थे. हालांकि, लोगों के मन में यह सवाल भी है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में हथियार बिहार में कैसे पहुंच जाते हैं और तस्करों को इनकी खपत कहां मिलती है.
बिहार पुलिस और STF की इस संयुक्त कार्रवाई को अब तक की बड़ी सफलताओं में से एक माना जा रहा है. इससे खुफिया तंत्र की सक्रियता और समय पर कार्रवाई की क्षमता साबित हुई है. सुरक्षा एजेंसियां अब इस नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने की दिशा में जुटी हैं ताकि भविष्य में किसी तरह की बड़ी घटना को रोका जा सके.
चुनावी सुरक्षा के लिए बड़ा सबक
यह घटना चुनावी सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा सबक है. आने वाले दिनों में न केवल भोजपुर बल्कि पूरे बिहार में छापेमार कार्रवाई तेज हो सकती है.
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगी कि किसी भी कीमत पर असामाजिक ताकतें चुनाव को प्रभावित न कर पाएं.

