Bihar News: (मोनु कुमार मिश्रा,बिहटा) पटना के बिहटा में कई गांवों में जानवरों के बीच लंपी जैसी स्किन डिजीज फैलने लगी है. अब तक 12 से अधिक पशु इस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, जिससे पशुपालकों में दहशत और बेचैनी बढ़ गई है. गांव के पशुपालक मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि उनकी गिर नस्ल की गाय अचानक बीमार पड़ गई. पूरे शरीर पर बड़े-बड़े घाव हो गए और हालत गंभीर हो गई. डॉक्टर ने लक्षण के आधार पर इसे लंपी जैसी बीमारी बताया.
बीमारी के लक्षण
डॉक्टर के अनुसार यह एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से मक्खी और मच्छरों के जरिए फैलता है. इस बीमारी में मवेशियों के शरीर पर कठोर गांठें निकल आती हैं, तेज बुखार आता है, पैरों में सूजन हो जाती है और दूध उत्पादन काफी कम हो जाता है. इसके कारण पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
पशु विभाग की स्थिति
बिहटा के पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सिमु ने बताया कि कटेसर राघोपुर, श्रीचंदपुर, आनंदपुर सहित कई गांवों से अब तक 33 पशुओं के बीमार होने की सूचना मिली है. लक्षण के आधार पर इलाज चल रहा है. टीम लगातार प्रभावित गांवों का दौरा कर रही है और दवा उपलब्ध करा रही है. साथ ही पशुपालकों को संक्रमित पशुओं को अलग रखने और साफ-सफाई बनाए रखने की हिदायत दी जा रही है.
बचाव के उपाय
विशेषज्ञों ने बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण, संक्रमित पशु को आइसोलेट करने, नियमित साफ-सफाई और पौष्टिक आहार देने पर जोर दिया है.
पशुपालक कर रहे घरेलू उपाय
स्थानीय स्तर पर पशुपालक भी अपने स्तर से इलाज की कोशिश कर रहे हैं. इसमें तुलसी, पान का पत्ता, गोल मिर्च, हल्दी और नमक को गुड़ में मिलाकर गोली बनाकर खिलाना शामिल है. इसके अलावा पशुओं को नीम या फिटकरी के पानी से धोने और बाड़े की साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. पशु चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा अलग-अलग पंचायतों में जागरूकता शिविर का आयोजन भी किया जा रहा है. डॉक्टर ने बताया कि जांच के लिए सैंपल भेजा गया है.

