Bihar News: बिहार के दो जिलों दरभंगा और मधुबनी में पंजाब-हरियाणा की तरह अच्छी खेती और पैदावार हो सकेगी. दरअसल, पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के एक्सटेंशन, रिनोवेशन और मॉडर्नाइजेशन को लेकर शिलान्यास किया गया. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 2 से 3 सालों में कृषि के क्षेत्र में कोई बड़ा बदलाव हो सकेगा.
7832 करोड़ 29 लाख रुपये की लागत
जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा के मुताबिक करीब 7832 करोड़ 29 लाख रुपये की लागत से इस परियोजना का शिलान्यास किया गया. इसे मिथिला के विकास में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, यह परियोजना करीब 91.82 किलोमीटर लंबी है. परियोजना के तहत टोटल 741 किलोमीटर लंबी नहरों की सीमेंट-कंक्रीट लाइनिंग की जाएगी.
खरीफ और रबी दोनों सीजन के लिए आसानी
इसके साथ ही नहरें पक्की हो जाने के कारण दरभंगा और मधुबनी जिले में खरीफ हो या रबी दोनों सीजन के लिए आसानी से पानी उपलब्ध हो सकेगा. किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा. दरअसल, इससे परियोजना की वार्षिक सिंचाई क्षमता बढ़कर 2 लाख 91 हजार हेक्टेयर से अधिक हो सकेगी.
किसानों को मिलेगी बड़ी राहत
राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने बताया कि दरभंगा और मधुबनी दोनों जिलों में किसान खुशहाल होंगे. इसके साथ ही पलायन पर भी रोक लग सकेगा. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार पूरे मिथिला के लोगों की तरफ से जताया.
सड़कों और नये पुलों का भी होगा निर्माण
जानकारी के मुताबिक, करीब 338 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण भी नहरों के तटबंध पर किया जायेगा. इसके साथ ही नहर के दोनों साइड आने-जाने के लिए 260 नए पुलों के साथ 407 पुलों की मरम्मत भी की जायेगी. साथ ही 558 नए रेगुलेटर्स बनाए जायेंगे और 218 की मरम्मत होगी. इसके अलावा 158 क्रॉस ड्रेनेज स्ट्रक्चर्स का निर्माण और 127 की मरम्मति शामिल है. यह परियोजना दोनों जिलों के विकास के साथ-साथ बिहार के विकास में भी अहम भूमिका निभा सकेगी.

