Bihar News: पटना में सोमवार से एक महीने तक चलने वाला अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू हो गया है. सड़कें संकरी करने वाले ठेले, दुकानों के आगे बढ़ाए गए शेड, अवैध निर्माण और फुटपाथों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ इस बार कार्रवाई पहले से अधिक कड़ी होगी. डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने साफ कहा है कि जनहित में सड़कें खाली कराई जाएंगी और दोबारा अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सीधे प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.
31 दिसंबर तक चलेगा अभियान, 9 टीमें तैनात
प्रशासन ने पटना नगर निगम के छह अंचलों—नूतन राजधानी, पाटलिपुत्र, कंकड़बाग, बांकीपुर, अजीमाबाद और पटना सिटी—में विशेष टीमों का गठन किया है. इनके साथ ही खगौल, फुलवारीशरीफ और दानापुर निजामत क्षेत्रों में भी बुलडोजर चलेंगे.
हर टीम में मजिस्ट्रेट, पुलिस अधिकारी, महिला बल, नगर निगम कर्मी और वीडियोग्राफर मौजूद रहेंगे. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कार्रवाई पारदर्शी हो और किसी भी तरह की बाधा तुरंत दूर की जा सके.
डीएम ने फॉलो-अप टीम को भी सक्रिय रहने का निर्देश दिया है ताकि हटाया गया अतिक्रमण फिर से न खड़ा हो सके.
इन प्रमुख इलाकों पर सबसे ज्यादा फोकस
गांधी मैदान से लेकर जीपीओ, जंक्शन गोलंबर, बोरिंग रोड चौराहा, राजापुर पुल के आसपास की सब्जी मंडी, कंकड़बाग कॉलोनी, चिरैयाटांड़ पुल से करबिगहिया तक का इलाका, बैरिया बस स्टैंड, पहाड़ी जीरो माइल, अटल पथ, जेपी गंगा पथ, सगुना मोड़, अनिसाबाद और मेट्रो स्टेशन क्षेत्रों को ‘हाई इंटरफेरेंस जोन’ माना गया है.
यहां सुबह-शाम ट्रैफिक जाम और अवैध पार्किंग के कारण रोजाना हजारों लोग परेशानी झेलते हैं. प्रशासन का मानना है कि इन इलाकों को अतिक्रमण मुक्त किए बिना शहर की यातायात व्यवस्था सुधर नहीं सकती.
ट्रैफिक पुलिस भी एक्शन में
परिवहन विभाग ने पूरे बिहार में सड़क किनारे छोड़े गए वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश जारी किया है. मंत्री श्रवण कुमार ने साफ कहा है कि यदि कोई वाहन, ट्रक, बस, ट्रैक्टर या कार, दो दिन से अधिक समय तक लावारिस हालत में सड़क पर खड़ा मिला, तो चालक और वाहन मालिक दोनों पर कार्रवाई होगी.
कार्रवाई में भारी जुर्माना, वाहन जब्ती और लाइसेंस निलंबन शामिल हो सकते हैं. यह निर्देश इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ठंड के मौसम में कोहरे के कारण खड़े वाहन दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बनते हैं.
शहर की सड़कें होंगी सुगम अवैध कब्जे पर प्रशासन की कड़ी नजर
अभियान के दौरान हटाए गए अतिक्रमण को दोबारा खड़ा न होने देना प्रशासन की प्राथमिकता होगी. नगर निगम की टीमें लगातार निगरानी में रहेंगी और जहां भी अवैध ढंग से प्लेटफॉर्म, शेड या दुकानें फिर से बनती दिखीं, वहां तुरंत कार्रवाई होगी.
शहर की मुख्य सड़कों को सुचारू रखना पटना के ट्रैफिक मैनेजमेंट और सुरक्षा दोनों के लिए बेहद जरूरी माना गया है.

