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पटना में BPSC की तैयारी कर रही छात्रा ने लगाई फांसी, मां के नाम छोड़ गई अपनी आखिरी खत

Bihar news: पटना से एक दर्दनाक घटना सामने आई है. एसकेपुरी थाना क्षेत्र के बोरिंग रोड के कस्तूरबा पथ स्थित एक हॉस्टल में बीपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा ने अपनी माँ के नाम एक सुसाइड नोट लिखा और फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. मृतका की पहचान नवादा जिले के नादरीगंज की रहने वाली खुशी कुमारी के रूप में हुई है.

Bihar news: खुशी कुमारी पिछले एक साल से पटना के हॉस्टल में रहकर बीपीएससी की तैयारी कर रही थी. सुबह घटना का खुलासा तब हुआ जब हॉस्टल इनचार्ज सुबह नाश्ते के लिए सभी छात्राओं को जगा रहा था. खुशी के कमरे का दरवाजा खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिली. तब संदेह होने पर इसकी सूचना पुलिस और परिवारों को दी गई. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी तो खुशी पंखे से लटकी मिली. पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.

मां ने केस दर्ज कराने से किया इनकार

सचिवालय डीएसपी-2 साकेत कुमार ने बताया कि खुशी की मां ने पुलिस को आवेदन देने से मना कर दिया और कहा कि वह इस मामले में केस दर्ज नहीं कराना चाहतीं. पोस्टमार्टम के बाद शव को परिवार वालों को दे दिया गया है.

नवोदय विद्यालय से पढ़ी थी खुशी

खुशी ने नवोदय विद्यालय से पढ़ाई की थी. उसकी दो बहनों ने सिमुलतला विद्यालय से शिक्षा पाई है. खुशी की मां सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं और पिता भी सरकारी कर्मचारी हैं.

परीक्षा पास करने का था दबाव

हॉस्टल की अन्य छात्राओं ने पुलिस को बताया कि खुशी पर सिविल सर्विस परीक्षा पास करने का दबाव था. कई बार उसकी मां से फोन पर बहस होती थी. हॉस्टल संचालक ने भी बताया कि कमरे में दो छात्राओं की व्यवस्था थी, लेकिन फिलहाल खुशी अकेली रह रही थी.

सुसाइड नोट में लिखी ये बात

पुलिस को खुशी कुमारी के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला. नोट में खुशी ने लिखा था कि वह अपने माता-पिता की उम्मीदों पर खड़ी नहीं उतर पाई. उसने लिखा कि बीपीएससी पास नहीं हो पाने की वजह से वह बहुत परेशान हो गई थी और अब इसे बर्दाश्त करना उसके लिए मुश्किल हो गया.सुसाइड नोट में एक लड़के का भी ज़िक्र था. खुशी ने लिखा कि उसके मरने के बाद उस लड़के को परेशान न किया जाए, क्योंकि इसमें उसकी कोई गलती नहीं है. बताया जा रहा है कि सुसाइड नोट अब उसकी मां के पास है.

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JayshreeAnand
JayshreeAnand
कहानियों को पढ़ने और लिखने की रुचि ने मुझे पत्रकारिता की ओर प्रेरित किया. सीखने और समझने की इस यात्रा में मैं लगातार नए अनुभवों को अपनाते हुए खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करती हूं. वर्तमान मे मैं धार्मिक और सामाजिक पहलुओं को नजदीक से समझने और लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हूं.

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