Bihar News: पटना. भाजपा बिहार के उन आठ जिलों के लिए खास प्लान बना रही है, जहां पिछली बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के तमाम घटक दलों को हार का मुंह देखना पड़ा था और किसी सीट को जीत नहीं पाये थे. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चाहे एनडीए ने सरकार बना ली हो, लेकिन उन 8 जिलों में गठबंधन का खाता तक नहीं खुला था. शाहबाद और मगध के इन सभी जिलों में एनडीए के सभी घटक दलों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. बक्सर कैमूर समेत 8 जिलों में भाजपा या जदयू का एक भी विधायक नहीं है. ऐसे में इस बार भाजपा इन जिलों के लिए खास तौर पर अलग से प्लान तैयार की है.
संगठन और सामाजिक संतुलन पर ध्यान
शाहाबाद और मगध का यह इलाका भाजपा का गढ़ रहा है. गठबंधन के दो मजबूत साथी उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी इसी इलाके से आते हैं. जदयू का भी इस इलाके में बेहतर जनाधार रहा है. इन सबके बावजूद 2020 के चुनाव में गठबंधन को एक सीट भी हासिल नहीं पायी. पिछली बार की तरह इस बार भी एक ओर एनडीए (जदयू, भाजपा, रालोपा और हम) तो दूसरी ओर महागठबंधन (राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम,माले) मैदान में होंगे. मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों के बीच होगा. भाजपा इलाके में जहां अपने सांगठनिक विवाद को सुझलाने का प्रयास कर रही है, वहीं सामाजिक स्तर पर पार्टी को संतुलित करने के लिए नये चेहरे को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है.
2020 के चुनाव परिणाम
- एनडीए ने 125 सीटें जीतीं
- भाजपा ने 74 सीटें जीतीं
- जदयू ने 43 सीटें जीतीं
- वीआईपी 4 सीटें जीतीं
- हम ने 4 सीटें जीतीं
महाबठबंधन ने 110 सीटें जीतीं
- राजद को 75 सीटें मिलीं
- कांग्रेस को 19 सीटें मिलीं
- माले को 12 सीटें मिलीं
- सीपीआई को 2 सीटें मिलीं
- सीपीएम को 2 सीटें जीतीं
जहां नहीं जीत पाये एनडीए नेता
शिवहर, किशनगंज, बक्सर, कैमूर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद और औरंगाबाद
जहां नहीं जीत पाया महागठबंधन
सुपौल और जमुई
यहां जीता तीसरा मोर्चा
किशनगंज, कैमूर, जमुई
2015 में 13 जिलों में नहीं खुला था एनडीए का खाता
- 2015 में एनडीए को केवल 58 सीट मिले थे.
- महागठबंधन को 178 सीटें मिलीं.
- एनडीए 38 जिलों में से 34 में पिछड़ा.
- केवल 4 जिलों में रहा एनडीए आगे.
- 13 जिलों में नहीं खुला था एनडीए का खाता
घटक दलों के भरोसे नहीं रहेगी भाजपा
पिछले तीन चुनावों के आंकड़ों को देखने पर साफ होता है कि बिहार के इस इलाके में दोनों गठबंधनों के शक्ति प्रदर्शन में एनडीए का जनाधार बेहतर रहा है. 2020 को छोड़ दें तो एनडीए ने महागठबंधन की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन किया है. 2020 के चुनाव में मगध और शाहबाद के 17 जिलों में एनडीए तो 14 में महागठबंधन आगे रहा, जबकि 7 जिलों में दोनों की सीटें बराबर रहीं. कोई किसी से आगे नहीं निकल पाया. एक जिला ऐसा भी था, जहां तीसरा मोर्चा एनडीए से आगे रहा. हालांकि उसकी सीटें महागठबंधन के बराबर ही रहीं. भाजपा इसबार अपने घटक दलों के भरोसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के मूड में नहीं है.

