Bihar News: 3 अगस्त को झंझारपुर एक बड़े राजनीतिक और भावनात्मक मंच का गवाह बनेगा. जेडीयू शहीद रामफल मंडल की पुण्यतिथि पर पचपनिया समाज को एकजुट करने का आयोजन कर रही है, जिसमें धानुक से लेकर नोनिया तक EBC की कई जातियां शामिल होंगी. यह कार्यक्रम न सिर्फ शहादत को सलाम करेगा, बल्कि 2025 चुनावी जंग के लिए NDA का EBC समीकरण भी मजबूत करेगा.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले EBC वोटबैंक को लेकर NDA ने बड़ा दांव खेला है. जेडीयू 23 अगस्त को झंझारपुर में अमर शहीद रामफल मंडल की पुण्यतिथि पर एक भव्य आयोजन करने जा रही है. इसका उद्देश्य है—पचपनिया समाज (धानुक, केवट, अमात, तांती, चौपाल, नोनिया) को एक मंच पर लाना और NDA के पक्ष में माहौल बनाना.
शहीद रामफल मंडल की कहानी
1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सीतामढ़ी के बाजपट्टी गोलीकांड के बाद, रामफल मंडल ने अंग्रेज अधिकारियों पर गड़ासे से हमला कर उन्हें मार डाला. 19 साल की उम्र में 23 अगस्त 1943 को भागलपुर जेल में उन्हें फांसी दी गई. उनकी वीरगाथा आज भी पचपनिया समाज में गर्व और प्रेरणा का प्रतीक है.
राजनीतिक मैसेज और EBC समीकरण
बिहार की 36% आबादी EBC समुदाय की है, जो चुनावी नतीजों में निर्णायक भूमिका निभाती है. जेडीयू सांसद रामप्रीत मंडल ने साफ कहा कि यह आयोजन नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताने और NDA के प्रति समर्थन को पुख्ता करने का मंच बनेगा.
कौन-कौन होंगे शामिल
इस कार्यक्रम में जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर, पूर्व सांसद दिलेश्वर कामत सहित EBC समुदाय के कई नेता मौजूद रहेंगे. सभी पचपनिया समाज को इसमें शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है
NDA का बड़ा मकसद
इस आयोजन के जरिए जेडीयू एक तरफ शहीद को श्रद्धांजलि देगा, तो दूसरी ओर EBC समुदाय को यह संदेश देगा कि नीतीश कुमार की सरकार और केंद्र की योजनाएं उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह 2025 चुनाव से पहले NDA के EBC वोटबैंक को मजबूत करने की बड़ी रणनीति मानी जा रही है.

