संवाददाता, पटना
प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरी
भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का असर अब बिहार की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर साफ दिखने लगा है. किशनगंज से सटे भारत-बांग्लादेश और नेपाल सीमाओं पर सुरक्षा एजेंसियों ने चौकसी तेज कर दी है. सीमा वाले जिलों के डीएम, एसपी
726 किमी लंबी बिहार-नेपाल सीमा पर विशेष निगरानी की जा रही है. प्रशासन ने सभी सीमावर्ती चौकियों पर गहन जांच शुरू कर दी है और नेपाल में प्रवेश करने वाले लोगों की कड़ी तलाशी ली जा रही है. सीमा पार करने वालों का रिकॉर्ड भी अब बाकायदा तैयार किया जा रहा है. नेपाल की ओर से जिला सुरक्षा समिति के सदस्य लगातार निरीक्षण कर रहे हैं. सशस्त्र पुलिस बल और भारतीय सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त गश्त कर रही हैं. केंद्रीय बल, पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी नेपाल के अधिकारियों के साथ दिनभर बैठक करते रहे. डीएम- एसपी ने भी एसएसबी और बीएसएफ के अफसरों के साथ बैठक करते रहे.
डीजीपी विनय कुमार ने कहा है कि राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद है. किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह तैयार है. अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े बिंदुओं पर जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर और सतर्कता उपाय पहले से लागू हैं. सभी जिलों के प्रशासन को एक्टिव मोड में रखा गया है. नेपाल सीमा पर यदि तनाव की स्थिति बनी रही, तो केंद्र और राज्य सरकार के निर्देश पर सीमाओं को पूरी तरह सील किया जा सकता है. महत्वपूर्ण सरकारी परिसरों, संस्थानों और ठिकानों की निगरानी भी बढ़ा दी गई है. बिहार पुलिस मुख्यालय लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहा है और मीडिया रिपोर्टों के आधार पर भी सूचनाएं एकत्र की जा रही हैं, ताकि किसी भी प्रकार की सुरक्षा चूक न हो.
इधर किशनगंज जिले से सटे बंगाल के उत्तर दिनाजपुर में बीएसएफ ने चेकिंग अभ्यास किया. भारत-पाक तनाव के दौरान घुसपैठ की इस कोशिश ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है. पता लगाया जा सके कि उनकी मंशा क्या थी और उनके तार कहां-कहां जुड़े हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है