Bihar Land: मोतिहारी. पूर्वी चंपारण के डीएम सौरभ जोरवाल ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध बड़ी करवाई की है. डीएम ने एक किसान को उसका मुआवजा देने के लिए रिश्वत की मांग करने वाले भूअर्जन कार्यालय के लिपिक प्रियरंजन कुमार व परिचारी अर्जुन कुमार को निलंबित कर दिया है. वहीं लिपिक पर विभागीय कार्रवाई करने का दिया निर्देश. डीएम सौरभ जोरवाल व एसपी स्वर्ण प्रभात ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई में जुटे है. डीएम के कार्रवाई से रिश्वत मांगने वाले कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है.
किसान के आवेदन पर हुई कार्रवाई
किसान द्वारा डीएम को आवेदन दिया किया गया था, जिसमे वर्णित है कि “उनकी जमीन का भारत-नेपाल पथ परियोजना भू-अर्जन वाद संख्या-43/15-16 में 4.5 डी जमीन का अधिग्रहण किया गया है. जिसमें सारे दस्तावेज अंचल कार्यालय, रक्सौल, पूर्वी चम्पारण द्वारा भिजवाने के बाद भी मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा रहा है और अवैध रिश्वत मांग की जा रही है. प्रियरंजन कुमार, निम्नवर्गीय लिपिक, पदस्थापन प्रखंड कार्यालय संग्रामपुर, प्रतिनियुक्त जिला भू-अर्जन कार्यालय, पूर्वी चम्पारण का यह आचरण बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली-1976 के नियम-3 (1) (1) (i) (ii) एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 के विरुद्ध है.
आरोप-पत्र एक सप्ताह के अंदर देने का निर्देश
जिलाधिकारी ने उक्त कृत्य हेतु प्रथम दृष्टया श्री कुमार को दोषी पाते हुए पत्र निर्गत की तिथि से निलंबित किया गया है एवं इनका मुख्यालय अनुमंडल कार्यालय, रक्सौल, पूर्वी चम्पारण निर्धारित किया गया है. साथ ही प्रखंड विकास पदाधिकारी संग्रामपुर को आदेश दिया गया है कि प्रियरंजन कुमार, प्रखंड कार्यालय, संग्रामपुर प्रतिनियुक्त जिला भू-अर्जन कार्यालय, के विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ में आरोप गठित कर आरोप-पत्र एक सप्ताह के अंदर जिला गोपनीय कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे. इसी मामले में रक्सौल प्रखंड के कार्यालय परिचारी अर्जुन कुमार को भी निलंबित किया गया है और उनका मुख्यालय अनुमंडल कार्यालय चकिया निर्धारित किया गया है.
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