Bihar IAS: बिहार सरकार के दो आइएएस अधिकारियों 2014 बैच की अभिलाषा शर्मा और 2017 बैच के योगेश कुमार सागर की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. स्पेशल विजिलेंस यूनिट(SVU) ने राज्य सरकार से इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है. सरकार से अनुमति मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू होगी. प्रवर्तन निदेशालय ने एसवीयू को ठेकेदार रिशुश्री के आवास पर मिले डिवाइस से आयी जानकारी के आधार पर अभिलाषा शर्मा और योगेश कुमार सागर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है.
इस संबंध में एसवीयू के एडीजी पंकज कुमार दराद ने कहा कि कि सरकार को इडी से आयी पूरी जानकारी भेजी गयी है. उम्मीद है कि जल्द ही सरकार का जवाब आ जायेगा. सरकार से अनुमति मिलने के बाद अगली कार्रवाई की जायेगी. जानकारों के मुताबिक इडी की रडार पर आये इन दोनों अधिकारियों को सरकार पहले नोटिस जारी कर जवाब मांग सकती है. जवाब से संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी.
क्या है पूरा मामला
अभिलाषा शर्मा फिलहाल ग्रामीण विकास विभाग में जीविका की सीइओ और मनरेगा आयुक्त के पद पर हैं. इनके आवास पर करीब दस लाख रुपये का बागवानी का भुगतान रिशुश्री और उसकी कंपनी के द्वारा किया गया है. इसके साथ ही इडी को इनके रिश्तेदारों को गोवा, दिल्ली और हैदराबाद घुमाने तथा इस पर आने वाले खर्च को रिशुश्री के द्वारा भुगतान करने की डिजिटल साक्ष्य मिला है.
अभिलाशा शर्मा को रिशुश्री की ओर से महंगे उपहार जिनमें आइफोन दिये जाने के भी सबूत मिले हैं, जबकि समाज कल्याण विभाग में कार्यरत आइएएस अधिकारी योगेश कुमार सागर के आठ रिश्तेदारों को आॅस्ट्रिया ट्रिप पर ले जाने तथा वहां उनकी आवभगत पर आये खर्च को भी रिशुश्री की कंपनी द्वारा भुगतान करने के डिजिटल साक्ष्य मिले हैं.
कितना खर्च हुआ
दोनों अधिकारियों के ऊपर रिशुश्री द्वारा चालीस लाख से अधिक का खर्च किया गया है. आइजी पंकज दराद ने कहा कि रिशुश्री का कनेक्शन आइएएस अधिकारी संजीव हंस मामले से जुड़ा है. इसी मामले में एसवीयू और इडी को रिशुश्री की तलाश है. इडी ने पिछले दिनों रिशु श्री के आवास पर जब्त डिवाइस की जांच शरू की थी.
जांच में यह सब तथ्य सामने आये हैं. इसी आधार पर इडी ने राज्य सरकार की एसवीयू को पीएमएलए के तहत दोनों अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा है. रिशुश्री जल संसाधन, नगर विकास, बुडको, शिक्षा, भवन निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग में बड़े स्तर पर ठेकेदारी का काम करता था.
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