Water Scheme : पटना. पीएचइडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने राष्ट्रीय जल मिशन और जल शक्ति मंत्रालय की ओर से आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय जल मंत्रियों के सम्मेलन में जल शक्ति विषय पर अपने विचार रखे. मौके पर कोसी क्षेत्र में बाढ़ की समस्या के समाधान के लिए कार्ययोजना तैयार करने की आवश्यकता पर गहन चर्चा हुई.उन्होंने तटबंधों के चौड़ीकरण एवं ऊंचाई बढ़ाने के साथ-साथ नेपाल सरकार से समन्वय स्थापित कर नेपाल में हाइ डैम के निर्माण पर जोर दिया. साथ ही, भूगर्भीय जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए बिहार में सतही जल आधारित जलापूर्ति योजनाएं विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया.
24 घंटे सातों दिन जलापूर्ति का लक्ष्य
मंत्री ने बताया कि बिहार सरकार की पहल से उत्तर बिहार की बाढ़ प्रवण नदियों के अधिशेष जल को दक्षिण बिहार के सूखाग्रस्त जिलों में स्थानांतरित करने की योजना बनायी जा रही है. इससे जलापूर्ति सुनिश्चित होगी. जल संकट की समस्या का दीर्घकालिक समाधान होगा. बिहार सरकार ने 2047 तक जल-सुरक्षित राष्ट्र के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. इस लक्ष्य के तहत 24 घंटे सातों दिन जलापूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से बढ़ाकर 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की जायेगी.उदयपुर में आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय जल मंत्रियों के सम्मेलन में केंदीय जल शक्ति मंत्री सहित ओडिशा, त्रिपुरा व राजस्थान के सीएम एवं विभिन्न राज्यों के उपमुख्यमंत्री एवं पदाधिकारियों ने भाग लिया.
बिहार में 1,74,47,055 घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाया गया
मंत्री ने कहा कि 2016 में ही हर घर नल का जल योजना की शुरुआत की थी, जब केवल दो प्रतिशत घरों में ही नल से जल आपूर्ति थी.मिशन मोड में कार्य करते हुए अब तक सभी ग्रामीण परिवारों तक स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है. पीएचइडी एवं पंचायती राज विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 1,23,936 जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण किया गया है और 1,74,47,055 घरों में नल जल के माध्यम से पेयजल आपूर्ति हो रही है. राज्य के 30,207 ग्रामीण वार्डों में आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है .
Also Read: नीतीश की इस योजना से बिहार में बना स्वरोजगार का माहौल, 44 हजार से ज्यादा युवा बने उद्यमी

