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बिहार में अवैध बालू खनन रोकने के लिए सरकार ने कसी कमर, सारण, भोजपुर और पटना में व्यापक छापेमारी की तैयारी

सारण, भोजपुर और पटना जिले में रोज अवैध बालू खनन और ढुलाई से करीब तीन करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान राज्य सरकार को हो रहा है. वहीं, एनजीटी के मानकों की अवहेलना कर माफियाओं द्वारा बालू खनन करने से नदियों का दाेहन हो रहा है.

पटना. बिहार में अवैध बालू खनन और ढुलाई पर लगाम के लिए सरकार ने कमर कस ली है. इसका मकसद राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी सहित आम लोगों को उचित कीमत पर बालू उपलब्ध करवाना है. 2022-23 के खत्म होने में करीब पौने चार महीने रह रह जाने से राजस्व वसूली बड़ी चुनौती बन गयी है. बालू के अवैध खनन और ढुलाई को लेकर मुख्य सचिव के निर्देश पर सारण, भोजपुर और पटना जिले में संयुक्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. इसी कड़ी में खान एवं भूतत्व विभाग ने सारण जिले के खनन कार्यालय में चार अतिरिक्त खान निरीक्षकों की तैनाती की है. साथ ही इन सभी को नौ दिसंबर के प्रभाव से प्रभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है.

सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने खान एवं भूतत्व विभाग के पदाधिकारियों सहित सभी जिले के डीएम और एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी. इस दौरान उन्होंने बालू के अवैध खनन और ढुलाई, इसके खिलाफ कार्रवाई और राजस्व वसूली की विस्तृत समीक्षा की थी. इस दौरान मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को कोऑर्डिनेशन के माध्यम से खनन माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया था. खासकर सारण, भोजपुर और पटना जिले के पदाधिकारियों को कोऑर्डिनेशन कर खनन माफियाओं के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई का निर्देश दिया था.

तीन जिलों से प्रतिदिन अनुमानित तीन करोड़ की राजस्व हानि

सूत्रों के अनुसार सारण, भोजपुर और पटना जिले में रोज अवैध बालू खनन और ढुलाई से करीब तीन करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान राज्य सरकार को हो रहा है. वहीं, एनजीटी के मानकों की अवहेलना कर माफियाओं द्वारा बालू खनन करने से नदियों का दाेहन हो रहा है. इससे पर्यावरणीय संकट भी पैदा हो रहा है. खासकर सारण जिले के डोरीगंज इलाके में प्रतिदिन नावों से बड़ी मात्रा में लाल बालू का अवैध कारोबार अब भी फल-फूल रहा है.

इन पदाधिकारियों की हुई है प्रतिनियुक्ति

सारण जिला के खनन कार्यालय में चार जिला के खान निरीक्षकों की प्रतिनियुक्ति अगले आदेश तक की गयी है. इनमें पश्चिम चंपारण जिले के खान निरीक्षक काशिफ कमाल, अररिया जिले के खान निरीक्षक राजीव रंजन सिंह, मुंगेर जिले के खान निरीक्षक कुंवर बिजेंद्र प्रताप राही और शेखपुरा के खान निरीक्षक दिनेश कुमार शामिल हैं.

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बालू घाटों की बंदोबस्ती

सूत्रों के अनुसार सारण जिले में लाल और सफेद बालू के करीब 34 बालू घाट थे. इनमें से नये डिस्ट्रक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बनाये गये 16 बालू घाटों की पांच साल तक ई नीलामी प्रक्रिया अक्टूबर 2022 में हो चुकी है. अब वहां पर्यावरणीय स्वीकृति का इंतजार है. इसके बाद बालू खनन शुरू होगा.

Prabhat Khabar Digital Desk
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