Bihar Flood:पटना. नेपाल और झारखंड में हो रही भारी बारिश के कारण बिहार की नदियों में जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. गंगा के साथ-साथ कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला बलान, सोन, घाघरा और पुनपुन नदियों में भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इसका असर तटबंधों पर दिखाई दे रहा है, जिससे कई स्थानों पर दबाव बढ़ गया है और खतरा मंडरा रहा है. गंडक नदी में एक लाख दो हजार क्यूसेक से अधिक पानी का डिस्चार्ज दर्ज किया गया, जिससे प्रशासन और जल संसाधन विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गया है. फिलहाल, गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
तटबंधों की सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क
जल संसाधन विभाग के अनुसार गंडक में एक लाख क्यूसेक पानी चल रहा है. नदी में पानी की तेजी से बढ़ोतरी के चलते आसपास के निचले इलाकों में सतर्कता बरती जा रही है. प्रशासन ने फ्लड फाइटिंग के लिए आवश्यक मैटेरियल का स्टॉक किया जा रहा है और तटबंधों की मजबूती सुनिश्चित की जा रही है. जल संसाधन विभाग की ओर से बताया जा रहा है कि महात्माइन नदी का जलस्तर फुल्गू नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण बढ़ रहा है. साथ ही, सिरपतपुर गांव के पास धोबा नदी के जमींदारी तटबंध की सुरक्षा को लेकर भी प्रशासन सतर्क है.
निरंतर की जा रही जलस्तर की निगरानी
आपदा प्रबंधन विभाग के एडीएम देवेंद्र शाही ने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. तटबंध टूटने से प्रभावित लोगों को राहत दी जा रही है और वर्तमान में शरणस्थली (राहत शिविर) बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ी है. अधिकारियों की टीमें मौके पर मौजूद हैं और निगरानी रखी जा रही है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति की सूचना तुरंत प्रशासन को दें. नदियों के जलस्तर की निगरानी निरंतर की जा रही है और किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी हैं.
तीन घंटे के भीतर हुई तटबंध की मरम्मत
राजधानी पटना से सटे फतुहा प्रखंड में महात्माइन नदी का जलस्तर बढ़ने से सिरपतपुर और दनियावां प्रखंड के बड़ी केवई गांव के पास तटबंध टूट गया. तड़के तटबंध टूटते ही नदी का पानी तेजी से गांवों में घुस गया, जिससे करीब 20 परिवार प्रभावित हुए हैं. पानी घरों में घुसने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने प्रशासन को खबर दी, जिसके बाद राहत एवं बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया. जिला प्रशासन ने तीन घंटे के भीतर तटबंध की मरम्मत कर दी और नदी को बालू की बोरियों से नियंत्रित किया गया. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन प्रभावित परिवारों को एहतियातन प्राथमिक विद्यालय अब्दुल्लापुर में बनाए गए राहत केंद्र में अस्थायी सहायता दी जा रही है.
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