Bihar Flood: पटना. बिहार में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. कोसी का जलस्तर स्थिर है, लेकिन बागमती और कमला में उफान जारी है. बागमती मुजफ्फरपुर में और कमला दरभंगा में खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है. वैसे आपदा प्रबंधन और जल संसाधन विभाग पूरे स्थिति पर नजर बनाये हुए है. मुख्य तटबंधों पर पेट्रोलिंग की जा रही है. छोटे-मोटे हादसों को छोड़ दिया जाये तो अब तक किसी तटबंध के टूटने या क्षतिग्रस्त होने की सूचना नहीं है. बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है. सुपौल और कटिहार जैसे कुछ जिलों में मुख्यालय से दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है. NDRF और SDRF टीमें तैनात कर दी गयी है. लोगों को प्रशासन सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील कर रहा है.

गांवों में आयी बाढ़, सड़कों पर बह रहा पानी
सोमवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार कमला, कमला बलान, बूढ़ी गंडक, बागमती व अधवारा समूह की नदियां उफान पर हैं. पश्चिम चंपारण में सिकटा का तटबंध टूटने से सिकटा गांव में चार फीट तक पानी घुस गया है. घोड़ासहन केनाल का पानी सीमा सड़क पर बह रहा है. पूर्वी चंपारण में दुधौरा नदी का बांध चार जगह टूट गया है. इससे गांव में पानी फैलने लगा है. किशनगंज, अररिया और कटिहार में हालत गंभीर है. ठाकुरगंज में मेची और महानंदा का पानी 6 गांवों में घुसने से लोग बेहाल हैं. अररिया में एनएच की एक लेन धंसी गई. सीतामढ़ी में बागमती समेत सभी नदियों का जलस्तर लाल निशान से ऊपर है. सोनबरसा के भिट्ठामोड़ में एनएच 227, सोनबरसा में एनएच 22 पर पानी चढ़ गया है.
कटरा पीपा पुल से आवागमन बंद
मुजफ्फरपुर जिले में बागमती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. बागमती यहां खतरे के निशान से लगभग दो मीटर ऊपर बह रही है. नदी में तेज बहाव ने स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है. बाढ़ के संभावित खतरे के बीच इलाके के लोगों में सन्नाटा और दहशत का माहौल है. जिला प्रशासन ने बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है. कटरा पीपा पुल से आवागमन अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. कटरा प्रखंड के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. प्रखंड मुख्यालय से दर्जनों गांव के लोगों का संपर्क टूट गया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है और घरों में पानी घुसने का खतरा है. कई लोग अस्थायी रूप से ऊंची जगहों और सामुदायिक भवनों में शरण ले रहे हैं. जिला प्रशासन ने कहा कि बचाव और राहत कार्यों के लिए NDRF और SDRF टीमों को तैनात किया गया है.

