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Bihar elections: बिहार चुनाव पर साइबर अटैक का साया, चीन और साउथ ईस्ट एशिया से चल रहे ठगी मॉड्यूल एक्टिव

Bihar elections: वॉइस कॉल से गिरफ्तारी की धमकी, आभासी करेंसी में फिरौती और विदेशी नेटवर्क की घुसपैठ—बिहार का विधानसभा चुनाव साइबर ठगों के निशाने पर है.

Bihar elections: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले देशी-विदेशी साइबर गिरोहों की गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया से संचालित ये गिरोह वॉइस ओवर इंटरनेट कॉल्स, नकली गिरफ्तारी की स्क्रिप्ट और आभासी मुद्रा में लेन-देन के जरिये लोगों को ठगने के साथ-साथ लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकते हैं. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और टेलीकॉम कंपनियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया से संचालित हो रहे अंतरराष्ट्रीय साइवर अपराधी गिरोहों से बिहार विधानसभा चुनाव और आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर चुनौती मिल सकती है. ये गिरोह बिहार समेत कई राज्यों में वॉइस ओवर इंटरनेट कॉल, डिजिटल गिरफ्तारी का भ्रम और आभासी मुद्रा में लेन-देन के जरिए आम नागरिकों को ठगने और अमित करने की साजिश रच सकते हैं.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपर पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने टेलीकॉम कंपनियों और आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारियों को इससे आगाह करते हुए कड़ी निगरानी और सुरक्षा के उपाय करने के आदेश दिये हैं. देशी-विदेशी स्रोतों सेसंचालित इन गिरोहों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग से कार्रवाई की रणनीति भी तैयार की जा रही है.

अवैध सिम कार्ड आपूर्तिकर्ता नेटवर्क सक्रिय

सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार इओको इनपुट मिला है कि साइबर अपराधियों की गतिविधिया न सिर्फ आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाली है, बल्कि चुनावी प्रक्रिया और सामाजिक व्यवस्था को भी प्रभावित करने की कोशिश कर सकती है. केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्ष मे हाल ही में हुई उच्चस्तरीय बैठक में राज्य सरकारों फोन किया गया कि इन खतरों के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरते.

साथ ही साइबर निगरानी तकनीकी विशेषज्ञता और आम नागरिकों में जागरूकता के लिए त्वरित कदम उठाएं. बैठक में यह भी कहा गया कि कई मामलों में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर वॉइस कॉल के जरिये लोगों को गिरफ्तारी कर दिया गया और उनसे आभासी मुद्रा (क्रिस्टी) में पैसा वसूला गया विशेषज्ञों का मानना है कि ये साइबर हमले न केवल व्यक्तिगत स्तर पर लोगों को नुकसान पहुंचा सकते है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप का प्रयास भी हो सकते हैं.

इओयू ने सिम बॉक्स मामले की जांच में पाया है सिम बॉक्स के लिए सैकड़ों सिम कार्ड विभिन्न टेलीकॉम कंपनी से जुड़े उपलब्ध करा रहे हैं. अपराधी को दो से तीन यूज करने के बाद नये सिमकार्ड हासिल कर रहे हैं.

सक्रिय ठगी मॉड्यूल चिह्नित

पुलिस अधीक्षक साइबर अनुसंधान एवं अभियान विनय तिवारी द्वारा दो दिन पहले एक उच्चस्तरीय बैठक में तकनीकी प्रस्तुति में बताया था कि सिम कार्ड की थोक आपूर्ति और प्रमाणन की खामियों का अपराधी फायदा उठा रहे है सुपौल में उजागर दूर अंतरराष्ट्रीय सिम बॉक्स का उल्लेख किया, जिसमे विदेशी साइबर एजेंट्स, अवैध सिम कार्ड आपूर्तिकर्ता नेटवर्क और चीनी दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के नेटवर्क की संलिप्तता सामने आयी है.

साइबर अपराध के विरुद्ध लड़ाई में पुलिस डीओटी एवं दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के बीच सशक्त भागीदारी ही सफलता की कुंजी है सतत सहयोग, निगरानी, त्वरित कार्रवाई तथा सभी स्तरों पर जागरूकता अभियान की आवश्यकता से ही साइबर अपरोध को रोकने में मदद मिलेगी.

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Pratyush Prashant
Pratyush Prashant
कंटेंट एडिटर. लाड़ली मीडिया अवॉर्ड विजेता. जेंडर और मीडिया में पीएच.डी. . वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में काम कर रहे हैं. साहित्य पढ़ने-लिखने में रुचि रखते हैं.

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