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Bihar Election 2025: समस्तीपुर में सड़क किनारे मिलीं VVPAT की पर्चियां, चुनाव आयोग सख्त,अधिकारी निलंबित

Bihar Election 2025: मतदान के ठीक बाद जब बिहार चुनाव का माहौल शांत हो रहा था, उसी बीच समस्तीपुर से एक तस्वीर ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी , सड़क किनारे बिखरी हुई VVPAT की पर्चियां! सवाल उठे कि ये पर्चियां कैसे बाहर आई और क्या इससे मतदान प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर असर पड़ा?

Bihar Election 2025: बिहार के समस्तीपुर जिले से सामने आई यह घटना चुनाव आयोग के सख्त प्रोटोकॉल पर सीधे सवाल खड़े करती है. सड़क किनारे बड़ी संख्या में “वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT)” की पर्चियां मिलने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया.

जांच में यह साफ हुआ कि ये “मॉक पोल” यानी प्रायोगिक मतदान की पर्चियां थीं, लेकिन लापरवाही के चलते चुनाव आयोग ने सहायक निर्वाचन अधिकारी को तत्काल निलंबित कर दिया और प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए.

चुनाव के बीच लापरवाही की बड़ी तस्वीर

यह घटना समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र की है, जहां एक कॉलेज के पास सड़क किनारे वीवीपैट पर्चियां बिखरी हुई पाई गईं. यह खबर जैसे ही सामने आई, स्थानीय प्रशासन और निर्वाचन आयोग के अधिकारी मौके पर पहुंचे.आसपास के लोगों ने बताया कि सुबह के समय कुछ बच्चों ने यह पर्चियां सड़क किनारे देखीं और सोशल मीडिया पर तस्वीरें डाल दीं, जिसके बाद मामला फैल गया.

चुनाव आयोग की त्वरित कार्रवाई

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि प्रारंभिक जांच में पाया गया कि ये पर्चियां “मॉक पोल” की थीं, यानी मतदान शुरू होने से पहले मशीनों की जांच के दौरान निकली थीं. फिर भी इन्हें सुरक्षित नष्ट करने की जिम्मेदारी स्थानीय अधिकारियों की थी, जो नहीं निभाई गई.
चुनाव आयोग ने इस चूक को गंभीर माना और सहायक चुनाव अधिकारी को तत्काल निलंबित करते हुए एफआईआर दर्ज करवाई. साथ ही जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वे स्वयं मौके पर जाकर विस्तृत जांच रिपोर्ट दे.

राजनीतिक पारा चढ़ा, विपक्ष ने उठाए सवाल

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस घटना पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. पार्टी ने कहा कि अगर यह मॉक पोल की पर्चियां हैं, तब भी सवाल यह है कि इतनी बड़ी संख्या में वे सड़क पर कैसे पहुंचीं. राजद ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि इससे मतदाताओं के बीच अविश्वास फैलता है और चुनाव की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न लगता है.
राजद प्रवक्ता ने कहा, “जब वोटिंग प्रक्रिया इतनी संवेदनशील है, तब यह लापरवाही अस्वीकार्य है. चुनाव आयोग को सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटना दोबारा न हो.”

जिलाधिकारी ने कहा कि इस घटना का मतदान की अखंडता पर कोई असर नहीं पड़ा है, क्योंकि ये असली वोटिंग के दौरान इस्तेमाल नहीं हुई थीं.उन्होंने सभी उम्मीदवारों को इसकी जानकारी दे दी है. जिलाधिकारी ने बताया कि सभी वीवीपैट मशीनों की सील और रिकॉर्ड सुरक्षित हैं और किसी भी वोटिंग मशीन में छेड़छाड़ नहीं हुई है.

यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग हाल ही में खत्म हुई है. कुल 121 सीटों पर हुए मतदान में महिलाओं और युवाओं की बड़ी भागीदारी दर्ज की गई थी. अब जब पूरा राज्य दूसरे चरण की ओर बढ़ रहा है, समस्तीपुर की यह घटना चुनावी पारदर्शिता और प्रशासनिक सतर्कता पर नई बहस छेड़ रही है.

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Pratyush Prashant
Pratyush Prashant
कंटेंट एडिटर और तीन बार लाड़ली मीडिया अवॉर्ड विजेता. जेंडर और मीडिया विषय में पीएच.डी. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल की बिहार टीम में कार्यरत. डेवलपमेंट, ओरिजनल और राजनीतिक खबरों पर लेखन में विशेष रुचि. सामाजिक सरोकारों, मीडिया विमर्श और समकालीन राजनीति पर पैनी नजर. किताबें पढ़ना और वायलीन बजाना पसंद.

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