Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव के बीच अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है खगड़िया में आयोजित एक चुनावी सभा के दौरान राजद के विधान पार्षद कारी शोएब के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. उन्होंने मंच से ऐलान किया कि अगर तेजस्वी यादव की सरकार बनी, तो सारे बिल चाहे वह वक्फ बिल हो या कोई और फाड़ कर फेंक दिए जाएंगे. इस बयान के बाद भाजपा ने आरजेडी पर सीधा हमला बोला है.
चुनावी मंच से ‘वक्फ़ राजनीति’ की एंट्री
तेजस्वी यादव की मौजूदगी में इस प्रकार का बयान आते ही खगड़िया से लेकर पटना तक राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई. विपक्ष ने इसे ‘खतरनाक इशारा’ बताया और सवाल उठाया कि “क्या राजद वक्फ़ संपत्तियों को लेकर कोई छिपी योजना बना रही है?”
‘वक्फ़ बिल’ दरअसल मुसलमानों की धार्मिक ट्रस्ट संपत्तियों से जुड़ा मसला है, जो हाल में केंद्र सरकार के स्तर पर चर्चा में रहा है. भाजपा और एनडीए के नेता आरोप लगाते रहे हैं कि कुछ दल इसका राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं. कारी शोएब के मंच से दिए बयान को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है.
राजद ने फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक सफाई नहीं दी है, लेकिन पार्टी के कई स्थानीय नेताओं ने निजी बातचीत में कहा कि “बयान व्यक्तिगत था, पार्टी की नीति नहीं.” बावजूद इसके, विपक्ष के लिए यह मौका सुनहरा था.
अमित मालवीय का पलटवार – ‘यही तो है जंगलराज’
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कारी शोएब के बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए राजद पर करारा हमला बोला.
उन्होंने लिखा, “आरजेडी के मंच से ऐलान – अगर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बने तो वक्फ कानून खत्म करेंगे. कानून तो रहेगा लेकिन जमीनों पर डाका डालने का इरादा साफ है. यही तो है Rashtriy Janata Dal (RJD) का जंगलराज.”
मालवीय के पोस्ट के बाद यह वीडियो तेजी से वायरल होने लगा. भाजपा नेताओं ने इसे “राजद का असली चेहरा” बताते हुए जनता से अपील की कि “बिहार को फिर से जाति और तुष्टिकरण की राजनीति में धकेलने न दें.”
राजद खेमे में जैसे ही वीडियो फैला, नुकसान नियंत्रण की कोशिशें शुरू हो गईं. पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि “राजद संविधान और सभी धर्मों का सम्मान करती है,” लेकिन विपक्ष अब इसे चुनावी मुद्दा बनाने को पूरी तरह तैयार है.
चुनावी मंच से ‘वक्फ’ तक पहुंची राजनीति
यह पहला मौका नहीं है जब बिहार चुनाव में धार्मिक या सामुदायिक मुद्दे ने सियासी रंग पकड़ा हो. लेकिन इस बार ‘वक्फ बिल’ जैसा संवेदनशील विषय खुलकर मंचों पर आ गया है. तेजस्वी यादव भले ही इस बयान पर खामोश रहे हों, पर भाजपा ने इसे अपने अभियान का नया नारा बना लिया है.
अब सवाल यह है कि इस बयान का असर अल्पसंख्यक मतदाताओं पर होगा या विपक्ष इसे राजद के लिए ‘फुट इन द माउथ’ मोमेंट साबित करेगा.

