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Bihar Election 2025 Result: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान पड़े कुल वोटों की गिनती आज कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह 8 बजे से की जा रही है. शुरुआती रुझानों में NDA को बहुमत मिलता दिख रहा है. महागठबंधन बहुमत से काफी पीछे है. वहीं प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज का बुरा हाल है.
NDA 188 सीटों पर आगे, महागठबंधन 45 पर
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना के ताजा रुझानों में NDA बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए आगे चल रहा है. वहीं महागठबंधन बहुमत से काफी दूर है. दोपहर 12.00 बजे तक के मतगणना के अनुसार BJP 85 सीटों पर आगे चल रही है. जदयू 76 सीटों पर आगे है तो राजद 33 सीटों पर आगे है. वहीं चिराग पासवान की पार्टी 22 सीटों पर आगे चल रही है. कांग्रेस 6 सीट पर तो CPI (ML) 6 सीटों पर आगे है. वहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम 5 सीटों पर आगे है.
20 सीटों पर पिछली बार पांच हजार से कम वोटों से हुआ था फैसला
2020 में बिहार विधानसभा का चुनाव तीन चरण में हुआ था और 10 नवंबर 2020 को परिणाम सामने आए थे. बतादें कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी कांटे की टक्कर हुई थी. एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर थी, और परिणाम भी बहुत करीब थे. एनडीए ने 125 सीटें जीतकर सरकार बनाई, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं. बिहार के 243 सीटों की बात करें, तो 48 यानी 20 प्रतिशत सीटों पर पिछली बार जीत-हार का अंतर पांच हजार से कम वोटों का रहा था. वहीं 20 सीटें वैसी थी, जहां पिछले विधानसभा चुनाव में पांच हजार से कम वोटों से हार-जीत हुई थी. इनमें से 15 सीटों पर तीन हजार से कम अंतर से हार जीत हुई थी, जबकि तीन सीटों पर तो एक हजार से भी कम वोटों का अंतर रहा था.
पांच हजार से कम वोटों के अंतर से महागठबंधन जीती थी 12 सीटें
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जिन 20 सीटों पर पांच हजार से कम वोटों का अंतर रहा था, उनमें से 12 सीटों पर महागठबंधन, जबकि सात सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी. इनमें एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती थी. महागठबंधन में राजद ने ऐसी सात सीटें जीती थीं, जिनमें पूर्वी चंपारण जिले की सुगौली व कल्याणपुर, सीतामढ़ी जिले की बाजपट्टी, बांका जिले की धौरैया, कैमूर जिले की रामगढ़, रोहतास जिले की डेहरी और गया जिले की बोधगया सीट शामिल हैं.
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कांग्रेस को कम वोटों से चार सीटों पर विजय मिली थी
कांग्रेस को ऐसी चार सीटों पर विजय मिली थी, जिनमें किशनगंज, भागलपुर, रोहतास जिले की करगहर और औरंगाबाद सीट शामिल हैं, जबकि उसके सहयोगी भाकपा माले ने पश्चिम चंपारण की सिकटा सीट महज 2425 वोटों से जीती थी. एनडीए में जदयू ने ऐसी तीन सीटें जीती थीं, जिनमें अररिया जिले की रानीगंज और बांका जिले की अमरपुर व बेलहर शामिल हैं. भाजपा ने सीतामढ़ी जिले की परिहार, कटिहार जिले की प्राणपुर और जमुई सीट, जबकि हम ने गया जिले की टिकारी सीट को काफी कम अंतर से जीता था.
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तीन सीटों पर एक हजार से भी कम अंतर से हुआ था जीत हार
बिहार के तीन सीटों पर एक हजार से भी कम वोटों से हार-जीत हुई थी, जिनमें रोहतास जिले की डेहरी, कैमूर जिले की रामगढ़ और जमुई जिले की चकाई सीट शामिल हैं. डेहरी सीट से राजद प्रत्याशी फतेह बहादुर सिंह ने भाजपा प्रत्याशी सत्यनारायण यादव को सिर्फ 464 वोटों से हराया था, जबकि रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजद के सुधारक सिंह ने बसपा के अंबिका सिंह के खिलाफ महज 189 वोटों से जीत दर्ज की थी. वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार सुमित कुमार सिंह ने जमुई जिले की चकाई सीट को महज 581 वोटों से जीता था.
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2015 में जदयू को मिली थी 71 सीटों पर जीत
2015 में बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव पांच चरण में हुए थे और नतीजे 8 नवंबर 2015 को सामने आए थे. 2014 में भाजपा की लहर के कारण माना जा रहा था कि बिहार में भी भाजपा अकेले अपने दम पर सरकार बनाने में सफल हो जाएगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं, जब चुनाव परिणाम आया तो एनडीए केवल 58 सीटों पर सिमट गई. महागठबंधन ने 178 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रहा. राजद को सबसे ज्यादा 80 सीटें मिली थीं. जदयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटों पर जीत मिली थी. एनडीए में सबसे ज्यादा 53 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी. लोजपा और रालोसपा को दो-दो और हम को एक सीट जीतने में सफलता मिली थी. वाम दलों में तीनों सीटें भाकपा (माले) ने जीती थीं. बाकी चार सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीतने में सफल रहे थे.
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