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Bihar Election 2025 Hot Seats LIVE: हॉट सीट पर अधिकतर NDA उम्मीदवार आगे, लालू के एक बेटे का हारना तय

Bihar Chunav Parinaam 2025 LIVE: राज्य की 254 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को मतदान संपन्न हुआ. पहले चरण में करीब 64.46 प्रतिशत और दूसरे चरण में 65.12 प्रतिशत रिकार्ड मतदान हुआ, जिसने इस बार के चुनाव परिणाम को बेहद रोचक और अप्रत्याशित बना दिया है. अब 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर पूरे राज्य की निगाहें टिकी हैं.प्रभात खबर आपको दिल की धड़कन बढ़ाने वाले हर अपडेट के साथ प्रमुख सीटों का लाइव ब्यौरा दे रहा है — कौन आगे, कौन पीछे, किसके खाते में जीत और किन दिग्गजों का पलड़ा भारी

Bihar Election 2025 Hot Seats LIVE: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों का दिन आ गया है.
14 नवंबर 2025 को मतगणना जारी है और हर अपडेट के साथ सियासी समीकरण बदल रहे हैं.
कौन आगे, कौन पीछे, किन दिग्गजों का पलड़ा भारी —
प्रभात खबर आपको बिहार की हर हॉट सीट से लाइव रिजल्ट, रुझान और जश्न के नजारे दिखा रहा है

बिहार विधानसभा के हॉट सीट

दानापुर विधानसभा सीट — सत्ता का तापमान बढ़ाने वाली सीट

बिहार विधानसभा चुनाव में राजधानी पटना से सटे दानापुर विधानसभा सीट की चर्चा चल रही है. इस सीट पर एक तरफ रीतलाल यादव है. दूसरी ओर स्थापित नेता और बीजेपी कैंडिडेट रामकृपाल यादव हैं.

मोकामा विधानसभा सीट — बाहुबली बनाम संगठन की जंग

मोकामा- दुलारचंद हत्याकांड से इस चुनाव में मोकामा सीट सबसे हॉट सीट बनकर उभरी है. यहां एनडीए की ओर से जेडीयू की टिकट पर बाहुबली नेता अनंत सिंह मैदान में हैं तो राजद ने बाहुबली नेता सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को टिकट दिया है. जन सुराज की ओर से पीयूष प्रियदर्शी मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं. यहां चुनाव प्रचार के दौरान अनंत सिंह और पीयूष प्रियदर्शी के समर्थकों में खूनी झड़प हुई थी, जिसमें दुलारचंद यादव की जान चली गई थी. इस हत्याकांड में आनंद सिंह जेल चले गए हैं और उन्होंने अपना चुनाव प्रचार जनता के हवाले कर दिया.

राघोपुर विधानसभा सीट — लालू परिवार का गढ़ फिर चर्चा में

महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव लगातार तीसरी बार राघोपुर सीट से मैदान में हैं. इस सीट को लालू परिवार का गढ़ कहा जाता है. मुख्यमंत्री रहते हुए लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है. इस बार बीजेपी ने सतीश कुमार को मैदान में उतारा है. सतीश कुमार ने 2010 में राबड़ी देवी को हराया था. जन सुराज के प्रत्याशी चंचल कुमार के कारण तेजस्वी की सीट फंसी हुई है.

अलीनगर विधानसभा सीट (दरभंगा) — संस्कृति बनाम सियासत

दरभंगा की अलीनगर सीट पर इस बार बीजेपी ने सिंगर मैथिली ठाकुर को मैदान में उतारा है. यहां मैथिली का सामना राजद के बिनोद मिश्रा, जन सुराज के बिप्लव कुमार चौधरी और AAP से राजीपाल झा से है. मैथिली ठाकुर की बयानबाजी ने यहां के चुनावी पारे को काफी बढ़ा दिया है. मैथिली ने अलीनगर का नाम बदलकर सीतानगर करने का वादा किया है.

सीवान विधानसभा सीट — मंगल पांडे बनाम अवध बिहारी चौधरी की प्रतिष्ठा की जंग

सीवान की इस सीट पर बीजेपी और राजद दोनों के लिए साख का सवाल है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता मंगल पांडे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि अवध बिहारी चौधरी इस क्षेत्र के पुराने और जमीनी नेता माने जाते हैं. मुकाबला सीधा भी है और दिलचस्प भी.

रघुनाथपुर (सिवान) — बाहुबल बनाम संगठन

बिहार की हाई प्रोफाइल सीट में सिवान जिले की रघुनाथपुर सीट भी शामिल है. राजद ने इस सीट से दिवंगत बाहुबली नेता शाहबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब को अपना उम्मीदवार बनाया है. ओसामा का मुकाबला JDU के विकास कुमार सिंह उर्फ जीशू सिंह से है, तो प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से राहुल कीर्ति मैदान में हैं.

छपरा सीट — ग्लैमर बनाम संगठन

छपरा सीट से राजद ने भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव को टिकट दिया है. खेसारी के सामने एनडीए से बीजेपी की छोटी कुमारी चुनावी मैदान में हैं. जन सुराज से जय प्रकाश सिंह और निर्दलीय उम्मीदवार राखी गुप्ता मुकाबले को दिलचस्प बना रहे हैं. क्या तीसरी बार बीजेपी अपनी सीट बचाने में कामयाब होती है, ये देखना दिलचस्प होगा.

लालगंज (वैशाली) — युवा बनाम अनुभवी

लालगंज मुख्यतः ग्रामीण इलाका है. 2025 का विधानसभा चुनाव लालगंज के लिए निर्णायक हो सकता है. मैं शेर की बेटी हूं और मैं दहाड़ना जानती हूं… ये कथन उनका है जो लालगंज से राजद की प्रत्याशी हैं. शिवानी शुक्ला का यह बयान काफी वायरल हुआ था. इस बीच शिवानी शुक्ला के सामने खड़े काग्रेस के कैंडिडेट आदित्य राजा ने अपना नाम वापस ले लिया है और महागठबंधन से अब वह अकेली उम्मीदवार हैं. अब उनका सीधा मुकाबला भाजपा के संजय सिंह से है. शिवानी शुक्ला बाहुबली मुन्ना शुक्ला की बेटी हैं

महुआ (वैशाली) — लालू परिवार की साख दांव पर

बिहार की महुआ सीट से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े तेज प्रताप यादव मैदान में हैं. पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप यादव पहली बार अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं. बिहार के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव इस विधानसभा चुनाव में एकला चलो की राह पर हैं.

तेज प्रताप यादव का मुकाबला राजद के 37 वर्षीय डेंटल सर्जन मुकेश कुमार रौशन से है, जिन्होंने 2020 में जदयू की आशमा परवीन को हराया था. इस कड़ी टक्कर वाली सीट पर एक अन्य मजबूत चुनौती चिराग पासवान की लोजपा (रालोद) के 45 वर्षीय व्यवसायी संजय कुमार सिंह पेश कर रहे हैं, जो एनडीए का हिस्सा हैं. जन सुराज के इंद्रजीत प्रधान मुकाबले को चतुष्कोणीय बना रहे हैं. यह चुनाव तेज प्रताप और तेजस्वी यादव दोनों के लिए नाक की लड़ाई है.

तारापुर (मुंगेर) — उपमुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर

तारापुर सीट से बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की साख दांव पर लगी है. मुंगेर जिले की तारापुर पारंपरिक रूप से जेडीयू का मजबूत गढ़ रहा है. लेकिन इस बार बीजेपी ने अपनी रणनीति बदलते हुए उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को आरजेडी के अरुण कुमार के खिलाफ मैदान में उतारा है. जन सुराज के संतोष सिंह और बसपा के आशीष आनंद मुकाबले को दिलचस्प बना रहे हैं.

नबीनगर (औरंगाबाद) — विरासत बनाम युवा जोश

बिहार के औरंगाबाद जिले की नबीनगर विधानसभा सीट अचानक से हॉट सीट बन गई, जब जदयू ने बाहुबली आनंद मोहन सिंह के बेटे चेतन आनंद को यहां से टिकट दिया. इससे पहले चेतन आनंद बिहार के शिवहर विधानसभा सीट से राजद के विधायक थे. बाद में उन्होंने पाला बदल लिया.चेतन आनंद को राजद के आमोद चंद्रवंशी और जनसुराज पार्टी की अर्चना चंद्रा से दोहरी चुनौती मिली है. इस बार नबीनगर में भी बंपर वोटिंग हुई है और इसका प्रतिशत 65.96 है. ऐसे में चेतन आनंद क्या शिवहर की जीत को नबीनगर में भी दोहरा पाएंगे?

गया टाउन — अनुभव बनाम विकल्प

प्रेम कुमार ने गया टाउन सीट पर लगातार 8वीं बार जीत दर्ज की है. इस सीट का इतिहास देखें तो सात चुनावों से बीजेपी धमाकेदार जीत दर्ज करती आ रही है. इस बार यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी के प्रेम कुमार और कांग्रेस उम्मीदवार अखौरी ओंकार नाथ के बीच है.

धमदाहा (पूर्णिया) — सीमांचल की प्रतिष्ठा सीट

बिहार चुनाव में पूर्णिया की धमदाहा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है. छह बार की विधायक लेसी सिंह को उनके पूर्व शिष्य संतोष कुशवाहा से कड़ी टक्कर मिल रही है. दो लाख से अधिक मतदाता 11 नवंबर को अपने विधायक का चुनाव करेंगे. यह सीट सीमंचल के बाढ़-प्रवण इलाके में है, जहां पलायन और उपेक्षा की मार है.

सरायरंजन (समस्तीपुर) — मंत्री बनाम स्थानीय समीकरण

समस्तीपुर की वीवीआईपी सीट है, जहां से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मंत्री और अपनी हाजिरजवाबी के लिए मशहूर विजय कुमार चौधरी का मुकाबला आरजेडी उम्मीदवार अरविंद सहनी से हैं.सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से विधायक विजय चौधरी का नाम जुड़ा है.

गोपालपुर (भागलपुर) — मंडल बनाम मंडल की जंग

भागलपुर की गोपालपुर सीट इस बार मंडल बनाम मंडल की सीधी जंग बन गई है. यहां दो पुराने प्रतिद्वंद्वी गोपाल मंडल (JDU) और रमेश मंडल (RJD) फिर आमने-सामने हैं. दोनों का सामाजिक आधार एक ही वर्ग में गहराई तक जुड़ा है, इसलिए हर वोट की अहमियत बढ़ गई है.

लखीसराय — विजय सिन्हा की चौथी परीक्षा

इस सीट पर बिहार सरकार के दूसरे डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा मैदान में हैं. विजय सिन्हा लगातार चौथी बार जीत दर्ज करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. इस बार उनका मुकाबला महागठबंधन में कांग्रेस प्रत्याशी अमरेश कुमार अनीश से है. जन सुराज के सूरज कुमार और बसपा के प्रवल कुमार बड़ा खेल कर सकते हैं.

मनेर (पटना) — पारंपरिक गढ़ में फिर मुकाबला

पटना जिले की मनेर विधानसभा सीट पर चार बार के विधायक भाई वीरेंद्र एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के टिकट पर मैदान में है उनके खिलाफ एनडीए की ओर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास),जन सुराज पार्टी के संदीप कुमार सिंह भी चुनाव मैदान में है इस सीट पर कुल 13 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा है.

काराकाट (रोहतास) — ग्लैमर और रणनीति का संगम

पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के उतरने से इस सीट पर ग्लैमर और राजनीति दोनों छा गए हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में रोहतास जिले की काराकाट विधानसभा सीट चर्चा का केंद्र बनी हुई है। इसकी मुख्य वजह भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह का यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरना है. उनके चुनाव लड़ने से ये सीट हाई-प्रोफाइल हो गई है. 2020 में इस सीट पर भाकपा (माले) के अरुण सिंह ने जीत हासिल की थी,

एनडीए गठबंधन खासकर जेडीयू इस वामपंथी गढ़ को वापस जीतने की कोशिश में है. नीतीश कुमार की पार्टी से महाबली सिंह चुनावी मैदान में हैं. प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने काराकाट सीट से योगेंद्र सिंह को चुनावी आखाड़े में उतारा है. इसके साथ कुल 13 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं.

सुपौल (कोसी) — विकास बनाम बदलाव

सुपौल विधानसभा सीट पर 2025 का चुनाव महागठबंधन के लिए जनता दल (यूनाइटेड) के एकतरफा दबदबे को तोड़ने की सबसे बड़ी चुनौती है.यह सीट नीतीश सरकार के वरिष्ठ मंत्री और जेडीयू के दिग्गज नेता, बिजेंद्र प्रसाद यादव का गढ़ रही है. वे 1990 से लगातार यहां से जीतते आ रहे हैं और अब तक आठ बार विधायक चुने जा चुके हैं.

हरनौत (नालंदा) — नीतीश के जिले की हॉट सीट

हरनौत विधानसभा सीट (नालंदा) नीतीश कुमार का गृह क्षेत्र और JDU का मजबूत गढ़ है हरि नारायण सिंह (JDU) को प्रशांत किशोर की जन सुराज और कांग्रेस से चुनौती मिलेगी. यह सीट दशकों से जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) का अभेद्य गढ़ रही है, लेकिन आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर की पार्टी ‘जन सुराज’ और कांग्रेस की सक्रियता से मुकाबला काफी दिलचस्प होने की संभावना है.

कुम्हरार (पटना शहरी सीट) — BJP का किला या नई चुनौती

बिहार की राजधानी पटना की कुम्हरार विधानसभा सीट एक हाईप्रोफाइल सीट बन चुकी है. इस सीट को लेकर बीजेपी में जबरदस्त मंथन हुआ. वर्तमान विधायक अरुण सिन्हा ने 5 बार ये सीट जीती है. लेकिन इस बार ऐसा लग रहा है कि बीजेपी उम्मीदवार बदलेगी.

दरभंगा सीट — मिथिला की सियासत का केंद्र

मिथिला की सांस्कृतिक राजधानी दरभंगा हर चुनाव में बिहार की राजनीति का मूड बताती है.
यह सीट शहरी वोटरों, उच्च शिक्षित वर्ग और जातीय समीकरणों के अनोखे मिश्रण के कारण हमेशा सुर्खियों में रहती है.
इस बार मुकाबला फिर उसी पुराने फार्मूले पर – विकास बनाम जातीय गणित.

चनपटिया विधानसभा सीट (पश्चिम चंपारण)

चनपटिया विधानसभा सीट (पश्चिम चंपारण) इस बार बिहार चुनाव 2025 की सबसे दिलचस्प सीटों में गिनी जा रही है. यहां मुकाबला त्रिकोणीय नहीं बल्कि चतुष्कोणीय होता जा रहा है क्योंकि बीजेपी, कांग्रेस, जन सुराज और निर्दलीय प्रत्याशी सभी के पास अपना ठोस वोटबेस है.

एनडीए (बीजेपी) से मौजूदा विधायक उमाकांत सिंह फिर से मैदान में हैं. महागठबंधन (कांग्रेस) के अभिषेक रंजन युवा चेहरा हैं, जन सुराज के मनीष कश्यप यहां फैक्टर बनकर उभरे हैं. तमाम विवादों और गिरफ्तारी के बाद भी उनके समर्थक उन्हें “माटी का बेटा” और “सिस्टम से लड़ने वाला चेहरा” मानते हैं. खासकर युवाओं और स्थानीय ओबीसी-निम्नवर्ग मतदाताओं में उनकी अपील बनी हुई है.

Pratyush Prashant
Pratyush Prashant
कंटेंट एडिटर. लाड़ली मीडिया अवॉर्ड विजेता. जेंडर और मीडिया में पीएच.डी. . वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में काम कर रहे हैं. साहित्य पढ़ने-लिखने में रुचि रखते हैं.

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