Bihar Election 2025: चुनावी समर में जिम्मेदारी निभाने वाली सभी फ्लाइंग स्क्वाड टीमों (एफएसटी) की सरकारी गाड़ियां जीपीएस से लैस हैं. चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए जीपीएस मैपिंग का सहारा लिया जा रहा है. जीपीएस के जरिये अफसरों को चुनाव से जुड़े सभी अधिकारियों की गतिविधियों की एक-एक पल की जानकारी मिल रही है. वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित कराने के साथ हाइटेक सिस्टम का सहारा लिया जा रहा है, ताकि चुनाव में पल-पल की जानकारी मिलती रहे. जीपीएस के जरिये अधिकारी यह पता कर लेंगे कि कौन सी टीम किस जगह पर भ्रमण कर रही है. उसकी रिपोर्टिंग किन क्षेत्रों की है और वाहन में लगा जीपीएस क्या स्टेटस बता रहा है.
एक विधानसभा में एफएसटी की तीन टीम कर रही भ्रमण
जानकारों के अनुसार एफएसटी की तीन टीम हर विधानसभा क्षेत्र में भ्रमण कर रही है. करीब कुल 38 टीमें बनाई गई हैं, इन्हें आठ-आठ घंटे के अंतराल पर 24 घंटे क्षेत्र में भ्रमण करते रहना है. इनका उद्देश्य राजनीति पार्टियों, प्रत्याशियों की हर गतिविधियों पर नजर रखना है. जीपीएस लगाये जाने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अगर चुनाव कंट्रोल रूम में कहीं से किसी प्रकार की आचार संहिता के उल्लंघन की सूचना मिलती है तो एफएसटी को ट्रैक कर लोकेशन पर भेज दिया जायेगा. फिर वहां सुरक्षाबलों की मदद से आगे की कार्रवाई होगी.
विधानसभा चुनाव को लेकर अलर्ट मोड में पुलिस
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर जिला पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गया है. पुलिस अधीक्षक बगहा सुशांत कुमार सरोज के निर्देशानुसार जिले के सभी थाना क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस ने विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. एसपी के नेतृत्व में बैंकिंग, प्रतिष्ठानों, बाजार क्षेत्रों और यातायात व्यवस्था की सघन जांच की जा रही है. पुलिस पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा बैंक और वाहनों की नियमित जांच की जा रही है. चुनाव को लेकर जिले में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस लगातार गश्ती कर रही है. संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गयी है.

