Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव अब अपने अगले निर्णायक मोड़ पर है. दिवाली और छठ जैसे बड़े पर्वों के बाद एक बार फिर राज्य की सियासी गर्मी बढ़ने लगी है. अब मैदान संभालेंगे तमाम दलों के स्टार प्रचारक—केंद्रीय मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और विपक्ष के दिग्गज तक. आने वाले दस दिनों में बिहार के हर जिले में नेताओं की रैलियां, जनसभाएं और रोड शो चुनावी हवा का रुख तय करेंगी.
एनडीए बनाम महागठबंधन: चुनावी रणभूमि में फिर आमने-सामने
त्योहारों के कारण कुछ दिनों का सन्नाटा तोड़ते हुए एनडीए और महागठबंधन दोनों गठबंधन अब मैदान में खुलकर उतरने को तैयार हैं. 29 अक्टूबर से पूरे राज्य में चुनावी रैलियों की झड़ी लग जाएगी. बीजेपी ने अपने सबसे मजबूत चेहरों—नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ को प्रचार अभियान में झोंक दिया है. वहीं, महागठबंधन ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और तेजस्वी यादव पर दांव लगाया है.
बीजेपी का मेगा प्रचार प्लान
भारतीय जनता पार्टी ने 29 अक्टूबर को “जन विश्वास रैली दिवस” घोषित किया है. इस दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार के चार जिलों में जनसभाएं करेंगे. शाह दरभंगा और समस्तीपुर में जनता को संबोधित करेंगे, जबकि योगी आदित्यनाथ सिवान, शाहपुर और बक्सर में जनसभाओं के जरिए चुनावी ताल ठोकेंगे.
इसके अगले दिन 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुजफ्फरपुर में विशाल रैली करेंगे. पार्टी इसे चुनाव का टर्निंग पॉइंट मान रही है, क्योंकि यह रैली उत्तर बिहार के अधिकांश जिलों पर असर डाल सकती है. प्रधानमंत्री के मंच पर एनडीए के सहयोगी दलों के नेता भी मौजूद रहेंगे.
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पहले ही 28 अक्टूबर से गोरियाकोठी, एकम और अरवल में जनसभाओं की श्रृंखला शुरू कर रहे हैं. बिहार बीजेपी का दावा है कि इस प्रचार दौर से पार्टी लगातार बढ़त हासिल करेगी.
महागठबंधन का पलटवार: मैदान में उतरेंगे तेजस्वी और राहुल
महागठबंधन ने भी दिवाली के बाद अपने प्रचार की नई रणनीति लागू कर दी है. आरजेडी नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद प्रत्याशी तेजस्वी यादव आज से अपने जनसंवाद अभियान की अगली कड़ी शुरू करेंगे. वे छपरा जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में बैक-टू-बैक जनसभाएं करेंगे.
तेजस्वी की सबसे अहम रैली राहुल गांधी के साथ संयुक्त मंच पर होगी. दोनों नेता मुजफ्फरपुर और दरभंगा में साझा जनसभा कर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोलेंगे.
कांग्रेस का चुनावी कैलेंडर तय
कांग्रेस पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों की पूरी रैली शृंखला तय कर ली है. राहुल गांधी 30 अक्टूबर को बरबीघा और नालंदा से प्रचार की शुरुआत करेंगे. इसके बाद 2 नवंबर को खगड़िया, 4 नवंबर को पूर्णिया और बहादुरगंज, 5 नवंबर को औरंगाबाद और वजीरगंज और 7 नवंबर को फोरबिसगंज व बरारी में उनकी जनसभाएं होंगी.
प्रियंका गांधी वाड्रा भी बिहार के मैदान में उतरने वाली हैं. उनका कार्यक्रम 1 नवंबर को बछवाड़ा और बेलदौर, 3 नवंबर को लखीसराय और रोसड़ा, 6 नवंबर को गोविंदगंज और चनपटिया तथा 8 नवंबर को कटिहार के कड़वा कस्बे में निर्धारित है. उनके अभियान का फोकस ग्रामीण और महिला मतदाताओं को साधना होगा.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी प्रमुख जिलों में रैलियां करेंगे. उनका शेड्यूल 31 अक्टूबर को कुचायकोट, 3 नवंबर को अमरपुर और 5 नवंबर को कुटुंबा विधानसभा के लिए तय है.
अब मैदान तय करेगा चुनाव की दिशा
त्योहारों के उत्सव के बाद बिहार की सियासत अब अपने चरम पर पहुंचने को है. हर दल अपनी ऊर्जा रैलियों और रोड शो में झोंक रहा है. एनडीए विकास और स्थिरता पर दांव लगा रहा है, जबकि महागठबंधन बेरोजगारी और सामाजिक न्याय के मुद्दे पर जनता को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है.
बिहार की चुनावी हवा किस दिशा में बहेगी—यह तय करने में आने वाले दस दिनों की रैलियां निर्णायक भूमिका निभाने वाली हैं.

