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अब मॉडर्न बनेगा बिहार का पुलिस लाइन, 14 मूलभूत सुविधाएं होंगी बहाल, DGP ने मांगी रिपोर्ट

Bihar Police News: बिहार की 32 पुरानी और 18 नई पुलिस लाइनों को मॉडर्न बनाने की कवायद शुरू हो गई है. 14 जरूरी सुविधाओं के आधार पर जांच होगी. कमी मिलने पर सुधार की कार्ययोजना बनेगी. डीजीपी के निर्देश पर सभी जिलों से महीने के अंत तक रिपोर्ट अनिवार्य की गई है. 

Bihar Police Line Report: बिहार की सभी 32 पुरानी और 18 नई पुलिस लाइनों में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने 14 जरूरी मानक तय किए हैं. अब हर पुलिस लाइन की जांच इन्हीं मानकों के आधार पर की जाएगी. अगर किसी पुलिस लाइन में कोई सुविधा नहीं है या कमी पाई जाती है, तो उसे जल्द ठीक करने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी. 

डीजीपी का सख्त निर्देश

इस मामले में डीजीपी विनय कुमार ने सभी रेंज के IG/DIG और जिलों के SP को पत्र लिखा है. सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट हर हाल में भेजें. खासकर 32 पुरानी पुलिस लाइनों की जांच करने पर जोर दिया गया है.

किसे भेजना होगा रिपोर्ट ? 

हर जिले को यह बताना होगा कि किस पुलिस लाइन में कौन-कौन सी सुविधाएं मौजूद हैं और किन सुविधाओं की कमी है. यह रिपोर्ट ADG (आधुनिकीकरण) सुधांशु कुमार को भेजनी होगी. 

आगे क्या होगा?

जब सभी जिलों की रिपोर्ट आ जाएगी, तो मुख्यालय स्तर पर एक संयुक्त रिपोर्ट बनाई जाएगी. इसके बाद सभी कमियों को दूर करने के लिए एक बड़ी और ठोस योजना बनाई जाएगी ताकि सभी पुलिस लाइनों को आधुनिक और सुविधाजनक बनाया जा सके. सरकार चाहती है कि पुलिसकर्मियों को बेहतर रहने, खाने और प्रशिक्षण की सुविधाएं मिलें. 

नई और पुरानी पुलिस लाइनों की स्थिति

पिछले कुछ सालों में बनी 18 नई पुलिस लाइनों में लगभग सभी जरूरी सुविधाएं मौजूद हैं लेकिन 32 पुरानी पुलिस लाइनों में कई सुविधाएं नहीं हैं, जिन पर अब खास ध्यान दिया जा रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री ने पटना पुलिस लाइन में सेंट्रल किचन और भोजनालय का उद्घाटन भी किया है.  इससे साफ है कि पुलिस की बेसिक सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया जा रहा है. 

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पुलिस लाइन में ये 14 सुविधाएं जरूरी होंगी

  1. हथियार रखने का कक्ष (आर्मोररी)
  2. मेस और भोजनालय हॉल
  3. ड्राई कैंटीन
  4. बच्चों के लिए पालनाघर (क्रेच)
  5. बैरक
  6. परिवार के लिए क्वार्टर
  7. सरकारी सामान का स्टोर (GP Store)
  8. मनोरंजन कक्ष
  9. बाधा प्रशिक्षण मैदान (ऑब्सटैकल कोर्स)
  10. पीटी नर्सरी
  11. ड्रिल नर्सरी
  12. सिंथेटिक रनिंग ट्रैक
  13. मिनी स्टेडियम व खेल मैदान
  14. ओपन जिम

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Nishant Kumar
Nishant Kumar
Nishant Kumar: निशांत कुमार पिछले तीन सालों से डिजिटल पत्रकारिता कर रहे हैं. दैनिक भास्कर (बक्सर ब्यूरो) के बाद राजस्थान पत्रिका के यूपी डिजिटल टीम का हिस्सा रहें. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में काम कर रहे हैं. देश-विदेश की कहानियों पर नजर रखते हैं और साहित्य पढ़ने-लिखने में रुचि रखते हैं.

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