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Bihar Bhumi: बिहार में जमीन का सर्किल रेट क्यों जरूरी है बढ़ना? 400 प्रतिशत तक बढ़ोतरी के लिये कैबिनेट से ली जायेगी मंजूरी

Bihar Bhumi: बिहार में जमीन के सर्किल रेट को 400 प्रतिशत तक बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेजने की तैयारी है. ऐसे में बिहार में सर्किल रेट का बढ़ना क्यों जरूरी है और सर्किल रेट नहीं बढ़ने से नुकसान क्या कुछ हो सकता है, आइये जानते हैं...

Bihar Bhumi: बिहार में जमीन के सर्किल रेट को चार सौ प्रतिशत तक बढ़ाकर बाजार की दर तक लाने की तैयारी की जा रही है. इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है और इसके लिए प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट को भेजा जायेगा. जिन इलाकों में सर्किल रेट और बाजार रेट में बहुत अंतर नहीं है, वहां वर्तमान दर में सिर्फ 50 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होगी. राजधानी पटना के पश्चिमी और पूर्वी बोरिंग कैनाल रोड पर जमीन का सर्किल रेट अभी भी 30 लाख रुपये प्रति डिसिमल है.

रिपोर्ट में क्या कुछ बताया?

निबंधन विभाग को मिली रिपोर्ट के मुताबिक, जमीन खरीदने वाले कागजों में प्रति कट्ठा कीमत करीब एक करोड़ रुपये है, जबकि वास्तविक सौदे छह से सात करोड़ रुपये में पूरे हो रहे हैं. ऐसा केवल पटना में ही नहीं हो रहा है बल्कि बांका में भी जिस जमीन का सर्किल रेट करीब 12 हजार है, वहां भी सौदे छह से सात लाख रुपये प्रति कट्ठा में हो रहे हैं.

पटना का ये इलाका बना हॉट स्पॉट

जानकारी के मुताबिक, पटना जिले का नौबतपुर प्रखंड पूरे राज्य का हॉट स्पॉट बना हुआ है. यहां सर्किल रेट 22 हजार प्रति कट्ठा के करीब है, जबकि जमीन के सौदे 20 से 25 लाख में हो रहे हैं.

बिहार में क्यों जरूरी है सर्किल रेट का बढ़ना?

सर्किल रेट वह न्यूनतम सरकारी दर है, जिस पर जमीन या मकान की रजिस्ट्री होती है. इसी दर पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क तय होता है. वास्तविक सौदे अक्सर कैश में ऊंची कीमत पर होते हैं, लेकिन कागज में कम सर्किल रेट दिखाये जाते हैं. ऐसे में सर्किल रेट का बढ़ना जरूरी बताया गया है.

सर्किल रेट नहीं बढ़ने से क्या हो सकता है नुकसान?

बिहार में सर्किल रेट नहीं बढ़ने से कई नुकसान हो सकते हैं, इनमें शामिल है-

  • सरकार को कम राजस्व प्राप्त होना
  • काले धन को बढ़ावा
  • बिल्डर-दलाल गठजोड़ मजबूत होता है

सर्किल रेट को लेकर क्या है प्लान-बी

मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग के सूत्रों के अनुसार सरकार यदि विभाग की तरफ से प्रस्तावित सर्किल रेट को मंजूरी नहीं देती है तो प्लान-बी भी तैयार है. इसमें सरकार को कम से कम दो गुना दर बढ़ाने के लिए मनाया जायेगा, ताकि राजस्व में सालाना करीब एक हजार करोड़ की बढ़ोतरी हो जाये. अभी 7600 करोड़ राजस्व पुराने सर्किल रेट से मिल रहा है.

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Preeti Dayal
Preeti Dayal
डिजिटल जर्नलिज्म में 3 साल का अनुभव. डिजिटल मीडिया से जुड़े टूल्स और टेकनिक को सीखने की लगन है. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं. बिहार की राजनीति और देश-दुनिया की घटनाओं में रुचि रखती हूं.

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