Bihar Bhumi: राज्य में एक ओर राजस्व महाअभियान के तहत जमाबंदी सुधार का काम किया जा रहा है. तो वहीं, दूसरी ओर विशेष सर्वे का काम भी लगातार जारी है. इस विशेष भूमि सर्वे में कई जमीन मालिकों के समक्ष एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है. समस्या यह है कि उन्हें पुराने कागजात नहीं मिल पा रहे हैं. ऐसे में उनके लिए असमंजस की स्थिति है कि कागजात नहीं मिलने के कारण उनकी जमीनों का क्या होगा. लेकिन अगर किसी को जमीन का केवाला नहीं मिल रहा है या खतियान फट गया है या कोई अन्य कागजात उपलब्ध नहीं हो पा रहा तो उन्हें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है.
सरकार का बड़ा फैसला
बिहार सरकार की तरफ से इसको लेकर एक बड़ा निर्णय लिया गया है. जिसमें कहा गया है कि अगर किसी भी व्यक्ति का केवाला, खतियान इत्यादि कागजात अगर नहीं मिल रहे हैं तो उन्हें परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. ऐसे लोगों को अब सर्वेक्षण के समय एक स्वघोषणा पत्र भरकर जमा देना होगा, जिसमें उनके जमीन के मालिकाना हक, खाता, खेसरा, रकवा इत्यादि की विस्तृत जानकारी होगी.
भू-सर्वेक्षण प्रक्रिया से नहीं होंगे बाहर
जिसके आधार पर वह अपना आवेदन कर सकेंगे. इसके बाद उन्हें भू-सर्वेक्षण की प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जा सकेगा. सरकार ने बताया कि अगर खतियान, रसीद, दाखिल-खारिज, वंशावली जैसे जरूरी दस्तावेज फट गए हो, नष्ट हो गए हो या उपलब्ध न हो तब भी लोगों को अब परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है.
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15 वैकल्पिक दस्तावेज की होगी व्यवस्था
जिन दस्तावेज को लेकर लोगों को परेशानी हो रही है उसे उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम किया जा रहा है. इसके अलावा 15 तरह के दस्तावेजों को वैकल्पिक दस्तावेज के तौर पर मान्य किया जाएगा. हालांकि यह किस तरह के दस्तावेज होंगे, इसकी जानकारी अभी नहीं दी गई है. तो ऐसे में अगर आप जमीन मालिक हैं और आपके पास कोई कागजात उपलब्ध नहीं है, तो भी आप इस सर्वे में हिस्सा ले सकते हैं.
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