Bihar ADG, अनुज शर्मा: सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने बताया कि वर्तमान में साइबर क्राइम, ड्रग्स और शराब के मामलों की जांच कई स्तरों पर बंटी हुई है. साइबर क्राइम और ड्रग्स संबंधी गंभीर केस आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) द्वारा देखे जाते हैं, जबकि शराब निषेध कानून से जुड़े मामलों की जांच का जिम्मा सीआईडी के पास है. अब एक नयी व्यवस्था के तहत इन मुद्दों के लिए दो समर्पित इकाइयों का गठन किया जा रहा है.
आपराधिक मामलों में हुआ इजाफा
कुंदन कृष्णन ने कहा कि बिहार में साइबर ठगी, ऑनलाइन जालसाजी, बैंकिंग फ्रॉड, डेटा चोरी, मोबाइल एप के जरिये धोखाधड़ी और सोशल मीडिया अपराधों में इजाफा हुआ है. वहीं नशीली दवाओं की अवैध तस्करी, युवाओं में नशे की लत और राज्य की सीमा के आसपास से ड्रग्स का नेटवर्क तेजी से फैल रहा है. ऐसे में इन चुनौतियों से निपटने के लिए विशेषज्ञ टीम की आवश्यकता थी.
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डिजिटल अपराधों पर निगरानी रखेगी
प्रस्तावित इकाइयों में एक ‘साइबर क्राइम नियंत्रण इकाई’ होगी जो राज्यभर में हो रहे डिजिटल अपराधों पर निगरानी रखेगी. यह इकाई अत्याधुनिक साइबर फोरेंसिक टूल्स से लैस होगी और जिलों के साइबर थानों को तकनीकी सहयोग देगी. वहीं दूसरी इकाई ‘नारकोटिक्स कंट्रोल सेल’ होगी जो नशीले पदार्थों की तस्करी और सेवन के खिलाफ काम करेगी. इसका समन्वय नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) से भी किया जाएगा.
एडीजी कुंदन कृष्णन ने यह भी बताया कि दोनों इकाइयों के लिए विशेष पद सृजित किए जायेंगे और प्रशिक्षण की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है. इसके लिए राज्य पुलिस सेवा के अनुभवी अफसरों और तकनीकी विशेषज्ञों को तैनात किया जायेगा. एडीजी और आईजी स्तर के पदाधिकारी इसको लीड करें. दोनों यूनिट सीधे पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट करेंगी.
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