बाबा बागेश्वर सरकार का दिव्य दरबार (baba bageshwar divya darbar) शनिवार को बिहार के गोपालगंज में लगा था. पिछले तीन दिनों से भोरे प्रखंड के रामनगर में हनुमंत कथा का आयोजन चल रहा था. शनिवार को दिव्य दरबार में लाखों श्रद्धालु पहुंचे थे. पंडाल में खचाखच भीड़ उमड़ी हुई थी. आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने जब भक्तों की पर्ची निकाली तो लोगों का उत्साह चरम पर पहुंच गया. इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने जब प्रेत दरबार का ऐलान किया तो लोग बेकाबू हो गए. वीआइपी एरिया के लिए बनी बैरिकेडिंग तक तोड़कर लोग इधर-उधर भागने लगे.
प्रेत दरबार की घोषणा पर भीड़ बेकाबू
शनिवार को जब बाबा बागेश्वर का दिव्य दरबार सजा तो करीब पांच लाख श्रद्धालु इसमें शामिल हुए. लोग रात से ही पंडालों में जगह लेकर जमे हुए थे. भीड़ इतनी थी कि पैर तक रखने की जगह नहीं दिख रही थी. इस दौरान दिव्य दरबार में आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने 16 लोगों का पर्चा निकाला. इसके बाद उन्होंने प्रेत दरबार शुरू करने की घोषणा की. प्रेत दरबार शुरू करते ही प्रेत बाधा से ग्रसित लोग चीखने-चिल्लाने लगे.
मंत्र पढ़ते ही छटपटाने लगे कुछ लोग
बाबा बागेश्वर ने प्रेत दरबार के दौरान जैसे ही एक मंत्र पढ़ा कि अचानक लोगों की भीड़ में मौजूद वैसे लोग जो बुरी शक्तियों के प्रभाव में थे वो सभी बेकाबू हो गए. आचार्य ने अपने दरबार में उन्हें बुलाया और इलाज किया. उन्होंने बताया कि जो बाधा उनके ऊपर थी वो दूर हो गयी है. इधर, प्रेत दरबार शुरू होते ही अगल-बगल के पंडाल के लोग भी बेकाबू हो गए और बैरिकेडिंग तोड़कर वीआइपी एरिया की तरफ दौड़ने लगे. भीड़ पर नियंत्रण करने में पुलिस को काफी मशक्कता करना पड़ा.
जब समझाते रहे आचार्य, दिव्य दरबार के समापन की घोषणा की
प्रेत दरबार में भीड़ को बेकाबू होता देखकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री लोगों को मंच से समझाते रहे. लेकिन लोग पूरी जोश में जय श्री राम के नारे लगाते दिखे. इसके बाद भीड़ को उन्होंने शांत रहने और उसके बाद ही कथा करने की बात कही. साथ ही दिव्य दरबार के समापन की घोषणा उन्होंने वहीं पर कर दी.